कानपुर में एडीएम (वित्त) सीपी पाठक की हत्या का मामला: एक बार फिर से गवाही शुरू...नई सड़क पर हुए दंगे में गई थी जान

मामले में चार आरोपी पहले हो चुके हैं बरी

कानपुर में एडीएम (वित्त) सीपी पाठक की हत्या का मामला: एक बार फिर से गवाही शुरू...नई सड़क पर हुए दंगे में गई थी जान

कानपुर, अमृत विचार। मार्च 2001 के दंगे में तत्कालीन एडीएम (वित्त) सीपी पाठक की हत्या के मामले में दूसरे मुकदमे में गवाही शुरू हो गई है। एडीजे 8 कोर्ट में 12 दिसंबर को जिरह होगी। इस मामले में चार आरोपियों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट बरी कर चुकी है। दो अभियुक्तों की फाइल अलग कर दी गई थी जिसपर अब कार्यवाही आगे बढ़ी है।

वर्ष 2001 में नई सड़क पर हुए दंगे में तत्कालीन एडीएम वित्त सीपी पाठक की गोली लगने से मौत हो गई थी। 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस मुकदमे में छह लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसमें वासिफ हैदर, मुमताज, हाजी अतीक, सफात रसूल, फाकिर, रिहान को आरोपी बनाया गया था। 

बाद में वासिफ हैदर, मुमताज, हाजी अतीक और सफात रसूल को सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन चारों हाईकोर्ट गए, जहां से उनको बरी कर दिया गया था। फिर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन यहां से भी चारों को हाईकोर्ट के बरी किए जाने के आदेश पर मुहर लग गई। वहीं दो आरोपियों फाकिर और रिहान की फाइल अलग चल रही थी। 

दोनों आरोपियों के अधिवक्ता शकील अहमद बुंधेल ने बताया कि मुख्य फाइल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की वजह से रही, इसके चलते इस मामले में सुनवाई नहीं शुरू हो पाई। अब दूसरे मुकदमे में सुनवाई शुरू हुई है। मंगलवार को तत्कालीन मूलगंज थाना प्रभारी राजेंद्र धर द्विवेदी के बयान दर्ज किए गए। मामले में अब 12 दिसंबर को जिरह की जाएगी।

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