इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : चुनावी दुश्मनी चश्मदीद गवाहों के बयान को बदनाम करने का एकमात्र आधार नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : चुनावी दुश्मनी चश्मदीद गवाहों के बयान को बदनाम करने का एकमात्र आधार नहीं

प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनावी दुश्मनी के कारण हत्यारोपियों की आपराधिक अपील खारिज करते हुए अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि चुनावी दुश्मनी दोधारी हथियार की तरह इस्तेमाल होती है। इस हथियार को इस्तेमाल करने वाला भले ही व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण निर्दोष को दोषी सिद्ध कर दे,मगर असली अपराधी को भी वह नहीं छोड़ता, लेकिन चुनावी दुश्मनी को चश्मदीद गवाहों के बयान को बदनाम करने का एकमात्र आधार भी नहीं कहा जा सकता है।

वर्तमान मामले में चश्मदीदों द्वारा आरोपियों की पहचान को संदिग्ध नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वे सभी एक ही गांव के निवासी हैं और आमतौर पर गांव के जीवन में हर व्यक्ति एक-दूसरे को जानता है, इसलिए उनकी पहचान में कोई गलती नहीं कहीं जा सकती है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्यक्ष गवाहों के प्रत्यक्ष साक्ष्यों की उपस्थिति में मकसद अपना महत्व खो देता है। भले ही आरोपी व्यक्ति के पास विशेष अपराध करने के लिए कितना ही मजबूत मकसद क्यों ना हो, लेकिन अगर प्रत्यक्ष गवाहों के साक्ष्य विश्वसनीय नहीं है तो अभियुक्तों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अतः चूंकि वर्तमान मामले में गवाहों के साक्ष्य विश्वसनीय हैं, इसलिए उन पर संदेह नहीं किया जा सकता। घटनास्थल से हथियारों की बरामदगी यह सिद्ध करती है कि अपीलकर्ताओं द्वारा उन्हें इस्तेमाल किया गया था।

अंत में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने पुलिस स्टेशन कैंट, बरेली में आईपीसी की विभिन्न धाराओं, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा 7 तथा आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत दर्ज मामले में जितेंद्र उर्फ टिर्रा, गजेंद्र पाल उर्फ पिंकी, भोला और राजपाल को राहत देने से इनकार करते हुए अपील खारिज कर दी। मामले के अनुसार 4 मई 2006 को मृतक जगदीश सिंह उर्फ टप्पे अपनी पत्नी, भाई वीरपाल सिंह, श्रवण सिंह, पुत्र सौरभ सिंह, पिता रोहन सिंह, सेक्रेटरी विजेंद्रपाल सिंह यादव और चपरासी विकास शर्मा के साथ घर के सामने बने चबूतरे पर बैठे थे, तभी वहां गांव के राजपाल, भोला, जितेंद्र, गजेंद्र पाल तथा विक्की तमंचों से लैस होकर आए और उनकी गतिविधियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने के कारण राजपाल के उकसाने पर भोला और विक्की ने फायरिंग शुरू कर दी।

कई राउंड फायरिंग करने के बाद जगदीश सिंह जमीन पर गिर गए और उनकी मृत्यु हो गई। घटना में विजेंद्रपाल सिंह यादव और विकास शर्मा भी घायल हो गए और अभियुक्त गांव वालों को धमकी देते हुए फायरिंग करते हुए भाग गए।

यह भी पढ़ें- Lucknow News : पत्नी की हत्या कर SDRF जवान ने फंदा लगाकर की आत्महत्या