सालभर नहीं कराए प्रेक्टिकल, अब किया जा रहा कोर्स पूरा, ऐसे कैसे होंगे यूपी बोर्ड के एग्जाम...

लैब में सामान ही नहीं, तैयारी भी आधी-अधूरी

सालभर नहीं कराए प्रेक्टिकल, अब किया जा रहा कोर्स पूरा, ऐसे कैसे होंगे यूपी बोर्ड के एग्जाम...

लखनऊ, अमृत विचार: यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 21 जनवरी से शुरू हो रही हैं। इससे पहले 6 जनवरी से प्री-बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं होंगी। लेकिन प्रयोगशालाओं में तैयारियां आधी-अधूरी हैं। कहीं जरूरत के मुताबिक रसायन की उपलब्धता नहीं तो कहीं उपकरण टूटे हुए। ऐसे में प्रयोगात्मक परीक्षाएं कैसे होंगी यह सवाल है? छात्रों की मानें तो रसायन और अन्य उपकरण के नदारद होने से साल भर प्रयोगशालाओं में सन्नाटा रहा। जब परीक्षाएं नजदीक हैं तो प्रयोग करा कोरम पूरा किया जा रहा है।

पिछले 18 नवंबर को यूपी बोर्ड ने परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया था। इसे देखते हुए अब विद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाओं की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कक्षा 12 की प्री-बोर्ड प्रयोगात्मक परीक्षाएं जहां 6 जनवरी से शुरू होने वाली हैं। वहीं बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 21 जनवरी से शुरू होकर 5 फरवरी तक चलेंगी। इसके लिए शिक्षकों की सूची यूपी बोर्ड अपडेट कर रहा है।

Untitled design (100)

एमकेएसडी इंटर कॉलेज के छात्रों ने अब तक नहीं किया कोई प्रयोग

वहीं दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ के कई वित्त पोषित और निजी विद्यालयों की प्रयोगशालाओं का बुरा हाल है। कई जगहों पर उपकरण और रसायन तक नहीं है, तो प्रयोगशाला भवन इस कदर जर्जर हैं कि कब उनका प्लास्टर सिर पर गिर जाए। एमकेएसडी इंटर कॉलेज के छात्रों का कहना है कि अब तक कोई प्रैक्टिकल नहीं कराया गया। राजकीय विद्यालयों में छात्रों का कहना है कि प्रयोग परीक्षाओं की खानापूरी की गई है। जिन विद्यालयों में प्रयोग की कक्षाएं पिछड़ी हुई हैं वहां के प्रधानाचार्यों का कहना है कि प्रयोग कराएं जा रहे हैं और छात्र जल्दी ही इसे पूरा कर लेंगे। वहीं एपीसेन मेमोरियल गर्ल्स इंटर कॉलेज और नारी शिक्षा निकेतन गर्ल्स इंटर कॉलेज में प्रयोगशालाएं खुली दिखी और यहां पर विद्यार्थी प्रयोग करते हुए मिले।

Untitled design - 2024-12-03T160106.998

इतने शुल्क में नमक नहीं मिलता रसायन कहां से आएगा

विज्ञान के प्रयोग के लिए प्रति छात्र पांच रुपए शुल्क निर्धारित है। जबकि लालबाग स्थित रसायन और प्रायोगिक उपकरण बेचने वाली दुकान के मालिक बताते हैं कि अब पहले की तुलना में उपकरणों और रसायनों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं। अमोनियम क्लोराईड, डिस्टिल वॉटर, कैल्सियम हाईड्राक्साईड, अमोनियम कारबोनेट, लेड एसीटेट, बर्नियर कैलीपर्स, लेंस, कंपास, माइक्रोस्कोप के अलावा जीवविज्ञान में कुछ उपकरण ही है जो मुख्य रुप से 12 वीं तक के छात्रों के प्रयोग में आते हैं। इन सभी के दामों में पिछले एक दशक में चार गुना बढ़ोत्तरी हो चुकी है।

लखनऊ में यूपी बोर्ड के स्कूल

लखनऊ में यूपी बोर्ड कुल स्कूल 754 है जबकि अनुदानित और वित्त विहीन निजी विद्यालयों की संख्या 98 है। राजधानी में राजकीय स्कूलों की संख्या 55 है।

कुल एक लाख 30 हजार छात्र

हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के कुल छात्रों की संख्या एक लाख तीस हजार है जो इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल होंगे। जिले में कुल 32 परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं।

Untitled design - 2024-12-03T160046.348

एनसीईआरटी ने सस्ता किट जारी कर सुझाया रास्ता

विज्ञान के छात्रों के प्रयोग के लिए एनसीईआरटी ने बेहद सस्ता किट जारी किया है। जिसमें रसायन, भौतिकी, जीवविज्ञान समेत गणित के छात्रों के प्रयोग में आने वाले सारे उपकरण मौजूद हैं। इसकी कीमत महज दो से तीन हजार रुपए है। यह दुकानों पर न मिलकर सीधे एनसीईआरटी से इतने ही कीमत पर पार्सल मंगवाया जा सकता है। इसे दुकानों पर बेचने से रेट अधिक हो सकता है इसीलिए एनसीईआरटी इसकी बिक्री खुद ही कर रहा है। 

हमारे विद्यालय में प्रतिदिन प्रयोग हो रहा है। तैयारियां हैं। पहले प्री-बोर्ड और फिर यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं देने के लिए संसाधन हैं। हां यह सही है महंगे हैं।
- अनीता अग्रवाल, प्रधानाचार्य, नारी शिक्षा निकेतन हाईस्कूल

प्रयोगशालाएं खुली रहती हैं। छात्रों को पूरी आजादी है कक्षा के अतिरिक्त भी वह प्रयोग करना और कुछ सीखना चाहे तो कर सकते हैं।
- उषासी घोष, प्रधानाचार्या, एपीसेन मेमोरियल इंटर कॉलेज

यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में वैज्ञानिक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संसाधन सुलभ करा दिए गए हैं। प्रत्येक विद्यालय प्रबन्धन को विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए तत्परता बरतनी होगी। अब पाठ्यक्रम के अनुरूप एनसीईआरटी ने प्रायोगिक कार्यों में ख़र्च कम हो इसके लिए पोर्टेबल लैब किट भी लांच कर दिया है। स्कूल प्रबन्धन अब विज्ञान, गणित किट को भी अपने प्रयोगशालाओं के लिए मंगवाने पर विचार कर सकते हैं।
- डॉ. दिनेश कुमार, मण्डलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी, लखनऊ मण्डल

यह भी पढ़ेः Lucknow University में देर रात हुआ जमकर हंगामा, छात्रों ने फूंका पुलिस प्रशासन का पुतला, जानें पूरा मामला