ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश में बच्चों के इलाज के लिए नई उम्मीद, सेंटर फॉर एडवांस पीडियाट्रिक वार्ड की शुरुआत

ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश में बच्चों के इलाज के लिए नई उम्मीद, सेंटर फॉर एडवांस पीडियाट्रिक वार्ड की शुरुआत

ऋषिकेश, अमृत विचार। अब उत्तराखंड के बच्चों को उनकी गंभीर बीमारियों का इलाज एक ही छत के नीचे मिलेगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में सेंटर फॉर एडवांस पीडियाट्रिक वार्ड पूरी तरह से तैयार हो चुका है और बच्चों का इलाज शुरू कर दिया गया है। इस वार्ड के उद्घाटन के साथ ही एम्स ने बच्चों के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज किया है।

एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. मीनू सिंह की पहल पर यह सेंटर स्थापित किया गया है, जिन्होंने पहले पीजीआई चंडीगढ़ में पीडियाट्रिक पल्मोनरी विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया था। प्रो. मीनू सिंह की नेतृत्व क्षमता और विशेषज्ञता ने एम्स ऋषिकेश को एक ऐसे केंद्र के रूप में विकसित किया है, जहां अब बच्चों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं एक स्थान पर उपलब्ध हैं।

इस सेंटर में कुल 42 बेड की सुविधा है, जिसमें बच्चों के लिए विशेष निक्कू और पिक्कू (नवजात शिशुओं के इलाज के लिए) सुविधा के साथ-साथ पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियोवेस्कुलर सर्जरी, और ऑर्थोपेडिक सर्जरी जैसी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। इस केंद्र में आईसीयू और सामान्य बेड दोनों की सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिससे बच्चों को त्वरित और प्रभावी इलाज मिल सके।

एम्स में पहले बच्चों से संबंधित विभिन्न बीमारियों का इलाज अलग-अलग विभागों में किया जाता था, लेकिन अब सेंटर फॉर एडवांस पीडियाट्रिक वार्ड के उद्घाटन से नवजात शिशुओं से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों के इलाज की समग्र सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध हो गई है। इस पहल से बच्चों को इलाज के लिए बार-बार अस्पतालों का दौरा करने की आवश्यकता नहीं होगी और उन्हें बेहतर उपचार मिलेगा।

प्रो. मीनू सिंह ने कहा, "सेंटर फॉर एडवांस पीडियाट्रिक वार्ड का उद्घाटन एक मील का पत्थर है। हम इस सेंटर के जरिए बच्चों के लिए उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे और जल्द ही इसका विधिवत संचालन शुरू कर दिया जाएगा।"

यह सेंटर न केवल उत्तराखंड बल्कि आसपास के राज्यों के बच्चों के लिए भी एक बड़ी राहत साबित होगा। एम्स ऋषिकेश के इस कदम से न केवल बच्चों के उपचार में सुविधा होगी, बल्कि यह क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को भी नया आयाम देगा।

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