ओखलकांडा के दो विद्यालय बंद, अभिभावक परेशान
भीमताल, अमृत विचार। ओखलकांडा ब्लॉक के महतोली और कवाली क्षेत्र में सरकारी विद्यालयों के बंद होने से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय महतोली और राजकीय प्राथमिक विद्यालय कवाली पूरी तरह से बंद हो चुके हैं, जिससे बच्चों को लंबी दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ रहा है। कवाली क्षेत्र के विद्यार्थी अब सरस्वती शिशु मंदिर नर्तोला में जाने को मजबूर हैं, जिसके लिए उन्हें 5-6 किमी का कठिन पहाड़ी रास्ता तय करना पड़ रहा है। यह दूरी कक्षा 1 से 5 तक के छोटे बच्चों के लिए अत्यधिक कठिन है।
वहीं महतोली का राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भी बंद हो चुका है। यहां के विद्यार्थी पास के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षा सुविधाओं के अभाव में अभिभावक पलायन को मजबूर हैं। यही कारण है कि महतोली की एक पूरी बस्ती अब पूरी तरह खाली हो चुकी है।
सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा पलायन की बड़ी वजह
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मुकेश चंद्र बौद्ध ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा आज के समय में 10,000 से 15,000 रुपये प्रति माह कमाने वाले अभिभावक भी मजबूरी में अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में भेज रहे हैं, क्योंकि सरकारी विद्यालयों में या तो शिक्षक नहीं हैं या वे इतनी दूर हैं कि वहां जाना संभव नहीं हो पा रहा है। शिक्षा सुविधा के अभाव में अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था नहीं होगी, तब तक पलायन को नहीं रोका जा सकता।
स्थानीय युवा पवन कुमार ने बताया कि एक समय राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय महतोली में 64 विद्यार्थी अध्ययनरत थे। यहां प्राथमिक विद्यालय सुंदरखाली और प्राथमिक विद्यालय महतोली के छात्र शिक्षा प्राप्त करते थे, लेकिन अब विद्यालय बंद होने से यहां पढ़ रहे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो चला है।
अब छात्र 4-5 किमी से भी अधिक पैदल चलकर राजकीय इंटर कॉलेज भीड़ापानी जाने को मजबूर हैं। इतने लंबे पहाड़ी रास्ते को तय करने के बाद छात्रों की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन विद्यालयों की दुर्दशा की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जब शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त होगी, तो लोग मजबूरी में बेहतर भविष्य की तलाश में अपने गांव छोड़ देंगे।
जल्द ही जिलाधिकारी से मुलाकात कर समस्या बताई जाएगी। पहले भी वे एस्कॉर्ट भत्ते की मांग कर चुके हैं और अब पुनः इसके लिए अनुरोध करेंगे, ताकि छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
मुकेश चंद्र बौद्ध, स्थानीय निवासी।
