इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : इरफान की जमानत मंजूर लेकिन विधायकी नहीं हुई बहाल

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : इरफान की जमानत मंजूर लेकिन विधायकी नहीं हुई बहाल

अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महिला के घर पर कब्जे की नीयत से आगजनी करने के मामले में कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की जमानत मंजूर कर ली है, लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई है, जिसकी वजह से सीसामऊ सीट पर उपचुनाव 20 नवंबर को ही होगा। इसके अलावा सजा बढ़ाने की राज्य सरकार की अपील 4 सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया है।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह (प्रथम)की खंडपीठ ने गुरुवार को पारित किया। मालूम हो कि कोर्ट ने इरफान सोलंकी और राज्य सरकार की अपीलों पर लंबी सुनवाई के बाद गत 8 नवंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट के फैसले के बाद इरफान की विधायकी को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति अब स्पष्ट हो गई है और सीसामऊ में होने वाले उपचुनावों पर मोहर भी लग गई है। बता दें कि उपरोक्त मामले में एमपी/ एमएलए कोर्ट ने 7 जुलाई 2024 को इरफान सोलंकी सहित पांच लोगों को 7 साल की सजा सुनाई थी। इस आदेश को हाईकोर्ट में वर्तमान आपराधिक अपील में चुनौती दी गई थी। सजा के कारण इरफान सोलंकी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। उम्मीद लगाई जा रही थी कि अगर हाईकोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाई जाती है तो इरफान सोलंकी की विधायकी फिर से बहाल हो जाएगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ।

मामले के अनुसार जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले इरफान और उनके भाई रिजवान सोलंकी ने पड़ोसी महिला नजीर फातिमा के प्लॉट पर कब्जा करने के इरादे से तब आगजनी की, जब महिला अपने परिवार के साथ एक रिश्तेदार की शादी में गई थी। आग के कारण पूरा घर और सभी उपकरण जलकर राख हो गए थे। महिला ने 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान सहित अन्य सभी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के दौरान शौकत शरीफ और इसराइल आटावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमसुद्दीन, एजाजुद्दीन, मोहम्मद एजाज, मुर्सलीन उर्फ भोलू, शकील चिकना के नाम सामने आए। वर्तमान में सभी जेल में निरुद्ध हैं।

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