Kanpur News : चिड़ियाघर में सबसे बूढ़े बाघ ‘प्रशांत’ की मौत, अपनी औसत उम्र को पार कर चुका था बाघ
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर प्राणि उद्यान में सबसे बूढ़े बाघ ‘प्रशांत’ की गुरुवार को मौत हो गई। प्रशांत अपनी बुलंद दहाड़ और खूबसूरती के लिए सभी दर्शकों के बीच लोकप्रिय था। प्रशांत काफी समय से बीमारियों से ग्रसित था। वह अपनी औसत उम्र भी पूरी कर चुका था।
चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया कि प्रशांत को 5 वर्ष की उम्र में वर्ष 2010 में फर्रुखाबाद से रेस्क्यू कर चिड़ियाघर लाया गया था। जब बाघ का रेस्क्यू किया गया था, तब उसने 9 व्यक्तिों का शिकार कर मार डाला था। कानपुर प्राणि उद्यान के निदेशक कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि जब बाघ को चिड़ियाघर लाया गया था तो वह काफी उग्र स्वभाग का था। प्राणि उद्यान आने के बाद उसके स्वभाव में परिवर्तन हुआ। इसके बाद वह काफी शांत रहने लगा था।
इसके बाद यहीं पर उसे ‘प्रशांत’ नाम दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रशांत का शरीर काफी बड़ा था और उसकी दहाड़ चिड़ियाघर के अन्य बाघों की तुलना में काफी भयभीत करने वाली थी। उसके हल्के पीले रंग पर काली धारियां प्राणि उद्यान आने वाले दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र होती थीं। दर्शक प्रशांत की दहाड़ सुनने के लिए काफी देर तक इंतजार किया करते थे।
बादशाह का पिता है प्रशांत
प्रणि उद्यान प्रशासन की ओर से बताया गया कि 2 जनवरी 2010 में बाघिन त्रुशा को शक्करबाघ प्राणि उद्यान जूनागढ़ गुजरात से लाया गया था। यहां प्रशांत की बाघिन त्रुशा के साथ जोड़ी बनाई गई। दोनों ने 7 शावकों को जन्म दिया। मई 2015 में जन्मे 3 शावकों में से एक शावक ‘बादशाह’ को वन्य जीव विनिमय के तहत कानपुर प्राणि उद्यान कानपुर से छत्तीसगढ़ भेजा गया था।
मोदी ने साझा की थी फोटो
छत्तीसगढ़ के 16वें स्थापना दिवस पर 1 नवंबर 2016 को न्यू रायपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एशिया की विशालतम जंगल सफारी न्यू रायपुर के उद्घाटन के दौरान प्रशान्त के शावक बादशाह के साथ खीचे गए फोटोग्राफ को एक्स पर साझा किया था, जिससे कानपुर प्राणि उद्यान के बाघ प्रशांत का शावक बाघ बादशाह लोकप्रिय हो गया।
चिड़ियाघर को गुलजार किए प्रशांत का कुनबा
प्रशांत की शावक बरखा को वन्य जीव विनिमय के तहत दिल्ली प्राणि उद्यान भेजा गया। दूसरा शावक ‘बादल’ कानपुर प्राणि उद्यान में ही है। इसी तरह 7 अप्रैल 2017 को बाघ प्रशांत व बाघिन त्रुशा की जोड़ी ने दोबारा 4 शावक अकबर, अमर, अम्बिका व एन्थेनी को जन्म देकर प्राणि उद्यान को गुलजार कर दिया। इसमें से अकबर की 2018 में मृत्यु हो गई थी। अमर को 2021 में वन्य जीव विनिमय के तहत गोरखपुर प्राणि उद्यान और अम्बिका व एन्थेनी को 2018 में जोधपुर प्राणि उद्यान राजस्थान भेजा गया। इस तरह बाघ प्रशांत के शावक कानपुर प्राणि उद्यान के साथ साथ देश के विभिन्न प्राणि उद्यानों की शोभा बढ़ा रहे हैं।
लंबे समय से था बीमार
बाघ प्रशांत का उपचार काफी समय से चल रहा था। वह वृद्ध अवस्था में जनित बीमारियों से ग्रसित था। लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को उसका निधन हो गया। बाघ प्रशांत के शव का 4 पशु चिकित्सकों के पैनल की ओर से पोस्टमार्टम किया गया। बिसरा जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा जाएगा। नर बाघ प्रशांत के शरीर को जलाया जाएगा।
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