बरेली: जानिए कैसे एक मुर्दे की जमानत पर जेल बाहर आ गए आरोपी
मृत व्यक्ति को जमानती बनाकर जेल से बाहर आने का आरोप
बरेली, अमृत विचार। जालसाज मृतक को जमानतदार बनाकर जमानत पर जेल से बाहर आ गए। जिसके नाम से जमानत ली गई, उसकी 16 महीने पहले मौत हो चुकी है। पुलिस ने भी जमानत के कागजों की जांच नहीं की। पीड़ित ने न्यायालय में शिकायती पत्र दिया है।
बारादरी के रोहली टोला निवासी शारिक अब्बासी ने बताया कि उनकी पत्नी पार्षद के पद पर चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी कर रहीं थीं। इससे मदीनाशाह का इमामबाड़ा निवासी एक व्यक्ति रंजिश मान रहा था। 30 अगस्त को रात 10 बजे वह पत्नी के साथ आ रहे थे। रास्ते में उन्हें 9-10 लोग मिल गए और गाली गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी थी। बचाने आई गर्भवती पत्नी को भी आरोपियों ने पीटा, जिससे पत्नी का गर्भपात हो गया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। शारिक ने बताया कि इस मामले में आरोपी मोहम्मद साजिद, रहीस मियां, शमशाद हुसैन और मुजीबुर्रहमान ने 23 अक्टूबर को कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। इस दिन आरोपियों ने कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी डाल दी थी और आरोपियों को जमानत मिल गई।
एक जमानती की 16 माह पूर्व हो चुकी है मौत
शारिक अब्बासी ने बताया कि आरोपियों ने मदीना शाह की मस्जिद के पास रहने वाले अनीस अहमद को जमानती बनाया है। अनीस अहमद के वाहन की आरसी लगी है। बयान हल्फी में भी अनीस अहमद की फोटो लगी है। उसका अंगूठा लगवाकर भी तस्दीक किया गया है। अनीस की मौत 27 जून 2023 को हो चुकी है। जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम से 30 अगस्त 2023 को जारी किया गया है। मृत्यु प्रमाण पत्र का नंबर भी शारिक ने प्रार्थना पत्र में दिया है। बारादरी थाना प्रभारी अमित पांडेय ने बताया कि मृत को जमानतदार बनाने का मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।