Lucknow News : हजरतगंज कोतवाली में तैनात रहे एक दर्जन इंस्पेक्टर पर रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ, अमृत विचार : हजरतगंज माल खाने में कीमती सामनों व नकदी की हेराफेरी के मामले की जांच ने तेजी पकड़ लिया है। इस मामले में डीसीपी मध्य के निर्देश पर दूसरी रिपोर्ट दर्ज की गई है। मुख्य आरक्षी राकेश कुमार के प्रार्थना पत्र पर दर्ज किए गए रिपोर्ट में 2009 से 2018 के बीच तैनात रहे इंस्पेक्टर और मटियारी स्थित डंपिंग यार्ड के सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी आरोपी बनाए गए हैं। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के मुताबिक डीसीपी मध्य रवीना त्यागी के निर्देश पर थाने में तैनात मुख्य आरक्षी राकेश कुमार ने प्रार्थना पत्र दिया। जिसमें बताया कि हजरतगंज थाने का भवन 2009 में मल्टी लेवर पार्किंग से बाल्मिकी मार्ग पर स्थानांतरित हुआ। इस दौरान तैनात रहे इंस्पेक्टर अजीत सिंह चौहान ने मल्टी लेवल पार्किंग में बने थाने के सारे सामान को वर्तमान थाना भवन में भिजवाया। वहीं थाना परिसर में जमा किए गये माल मुकदमाती 36 चार पहिया वाहनों को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर चिनहट स्थित कंचनपुर मटियारी में बनाए गए डंपिंग यार्ड में लोडर से भिजवा दिया।
नौ वर्ष बाद नहीं मिले 18 वाहन
राकेश कुमार के मुताबिक थाना भवन स्थानांतरित होने के नौ वर्ष बाद भी इन वाहनों को डंपिंग यार्ड से वापस नहीं मंगाया गया। जब वर्ष 2018 में माल खाना प्रभारी अशोक यादव द्वारा 10 लाख रुपये का मामला खुला तो सारे माल का मिलान शुरू किया गया। इसमें सामने आया कि 2009 में कंचनपुर मटियारी डंपिंग यार्ड में भिजवाये गये 36 वाहनों में 18 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मिले। वहीं 18 का कोई पता नहीं चला। जबकि इन वाहनों की सुरक्षा में 2009 से 2018 तक लगातार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही थी। इस मामले की जांच डीसीपी मध्य ने कराई तो हकीकत सामने आ गई। जांच में सामने आया कि सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने लापरवाही बरती। वहीं, प्रभारी निरीक्षकों, मालखाना प्रभारियों ने भी अपने काम में उदासीनता बरती। इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह के मुताबिक मुख्य आरक्षी राकेश के प्रार्थना पत्र पर रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है।
आरोपी 12 इंस्पेक्टर में 10 हो चुके हैं डिप्टी एसपी
वर्ष 2009 से 2018 के बीच में तैनात रहे 12 इंस्पेक्टर माल खाने में जमा कीमती सामानों के हेराफेरी के मामले में आरोपी बनाए गये हैं। इनमें से 10 पदोन्नत होकर डिप्टी एसपी बन चुके हैं। कुछ रिटायर्ड भी हो गये। जो इंस्पेक्टर पदोन्नत हुए उनमें 2009 में तैनात रहे अजीत सिंह चौहान (एसीपी प्रयागराज), 2009 पृथ्वी राज सिंह चौहान, 2009 परशुराम वर्मा, 2010 कवींद्र नारायण मिश्र, 2011 विनय गौतम, 2011 विजय प्रकाश, 2012 अशोक वर्मा, 2014 विजय मल यादव, 2016 राजकुमार सिंह, 2016 डीके उपाध्याय शामिल है। वहीं दो इंस्पेक्टर आनंद शाही और राधा रमण सिंह शामिल हैं। इसके अलावा मटियारी डंपिंग यार्ड की सुरक्षा में तैनात करीब 30-35 पुलिसकर्मी और माल खाना प्रभारी भी आरोपी हैं।
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