बरेली: शिक्षिका रचना शर्मा का नाम आइडियल इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज
बरेली, अमृत विचार : बरेली के परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को हर कीमत पर अच्छी शिक्षा देने का जज्बा रखने वाले शिक्षकों की कमी नहीं है। बहुत से ऐसे शिक्षक हैं जो बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करके, उन्हें क्लास में रोकने की कोशिशें करते हैं।
नगर के मठ लक्ष्मीनगर स्थित प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रचना शर्मा भी उनमें से एक हैं, जो विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के साथ उनकी जरूरतों का ख्याल रखती हैं। कॉपी-कलम, पेंसिल। यही छोटी-छोटी चीजें हैं, जिनका बहाना बनाकर बच्चे अक्सर स्कूल आने से कतराते हैं। ऐसे बच्चों को नियमित विद्यालय लाने के लिए रचना शर्मा उन्हें पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराती हैं। स्वच्छता-शिक्षा का महत्व समझाती हैं। शिक्षा से वंचित वर्ग के बीच ऐसी रोशनी फैलाने के उनके प्रयासों को लेकर मध्य प्रदेश की एक सामाजिक संस्था ने उन्हें सम्मानित किया है। रचना शर्मा का नाम आइडियल इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है।
रचना शर्मा, नगर के मठ लक्ष्मीनगर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। वे विद्यालय में पंजीकृत बच्चों को पढ़ाने के साथ पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने में भी उनका सहयोग करती हैं। इसके अलावा गरीब-अनाथ और असहाय बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं। रचना शर्मा कहती हैं कि बच्चे अक्सर छोटी-छोटी चीजों का बहाना बनाकर स्कूल आने से बचते हैं।
हमारी कोशिश है कि पढ़ाई को लेकर उन्हें जिस चीज की जरूरत पड़े। वह उपलब्ध करा दी जाए तो बच्चों के पास स्कूल से गायब होने का कोई बहाना नहीं बचता। दूसरी बात, इस तरह शिक्षक और बच्चों के बीच का रिश्ता मजबूत होता है। बच्चे विद्यालय आने से डरते नहीं बल्कि उनके नजदीक आते हैं। वे स्कूल में आनंद महसूस करने लगते हैं। बच्चों के प्रति कठोर और ज्यादा सख्ती बरतने से उनमें डर घर कर जाता है।
रचना शर्मा को प्रज्ञा काव्य फाउंडेशन संस्था ने 15 दिसंबर को एक कार्यक्रम में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। रचना शर्मा ने कहा कि इस सम्मान से हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। वंचित वर्ग के बीच शिक्षा का प्रकाश पहुंचाने का हमारा प्रयास अनवरत जारी रहेगा।
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