हल्द्वानी: आलाकत्ल मिला न कातिल, मकतूल के साथ दफन हुआ कत्ल का सुराग

हल्द्वानी: आलाकत्ल मिला न कातिल, मकतूल के साथ दफन हुआ कत्ल का सुराग

हल्द्वानी, अमृत विचार। लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। जोर-शोर से चर्चा हुई, हो-हल्ला हुआ, पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की, लेकिन न आलाकत्ल मिला न कातिल और मकतूल के साथ ही कत्ल के राज भी दफन हो गया। हल्द्वानी में कत्ल के ऐसे कई किस्से हैं, जिसमें किसी को धारदार हथियार से काटा गया तो किसी को चाकुओं से गोद कर जंगल में फेंक दिया गया।

किसी की लाश बेड के अंदर सड़ी मिली तो किसी को महीनों बाद गहरी खाई से बरामद किया गया। हल्द्वानी, हत्याओं की ऐसी कहानियों से भरा पड़ा है। ऐसी कहानियां जिसमें हत्या तो हुई, लेकिन हत्यारे कभी पकड़े नही गए। ये चर्चित हत्याकांड आज भी गाहे-बगाहे लोगों की जुबान पर आ जाते हैं, लेकिन पुलिस की फाइलों में हत्या के राज के साथ दफन हो चुके हैं। 
  
जंगल से अरुण और टंकी के नीचे दफन हुआ चंदन की मौत का राज
 24 फरवरी 2019 की रात पश्चिमी खेड़ा गौलापार निवासी चंदन सिंह बजवाल (67) की गला घोंट कर हत्या की गई। उनकी लाश घर के नजदीक नलकूप की टंकी के नीचे मिली थी। पुलिस ने मौके से खाना, कपड़े, खून आदि साक्ष्यों को जांच के लिए देहरादून और रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला भेजा गया।

कुछ संदिग्धों के मोबाइल भी फारेंसिक लैब भेजे गए। सात लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट हुए, लेकिन इस टेस्ट से भी कुछ नहीं मिला। आखिरकार में फाइनल रिपोर्ट लगाकर फाइल बंद कर दी। वर्ष 2015, 24 नवंबर की रात कालाढूंगी रोड स्थित कैनाल कालोनी में रहने वाले 28 वर्षीय सफाई कर्मचारी अरुण पाल की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी।

25 नवंबर की सुबह मुखानी के उदयलालपुर गांव से सटे जंगल में उसका शव मिला। पुलिस ने कई बिंदुओं पर पड़ताल की और कुछ को संदेह के आधार पर हिरासत में भी लिया गया, लेकिन कातिल नहीं पकड़े गए। अंत में हारकर पुलिस ने इस मामले में भी फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया। 

दीवान बेड से बाहर नही निकला नीरू की मौत का राज
आरटीओ रोड रेशमबाग निवासी करोड़पति बुजुर्ग नीरू शाह की 15 मई 2018 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया। शरीर पर चोट के निशान भी मिले थे। पुलिस बुजुर्ग के मर्डर से पर्दा नहीं उठा सकी। आरटीओ रोड रेशमबाग निवासी नीर नाथ साह उर्फ नीरू (74) अपनी बड़ी बहन 85 वर्षीय माहेश्वरी साह के साथ रहते थे।

15 मई की शाम नीरू का शव घर में दीवान बेड के अंदर मिला था। गले में साड़ी का फंदा लगा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की हत्या की पुष्टि हुई। संघर्ष के चलते उनके नाखूनों पर चोट लगी थी। पुलिस ने नैनीताल, बनभूलपुरा में रहने वाले नीरूनाथ के करीबियों से काफी पूछताछ की है, लेकिन रंजिश के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। घटना की साक्षी सिर्फ नीरू नाथ की बुजुर्ग बहन थी और उनसे अधिक पूछताछ करना मुश्किल था। कॉल डिटेल से भी पुलिस को ऐसी लाइन नहीं मिली, जिसके आधार पर कातिलों की गर्दन पकड़ी जा सके। मामले में कुछ लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट हुए, लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। 

घर से दूर खाई में मिला था पवन कन्याल
16 अगस्त 2021 की शाम पांच बजे सुभाष नगर निवासी ट्रांसपोर्टर पवन कन्याल पुत्र किशन कन्याल टीपीनगर में जाने की बात कहकर घर से गया था, लेकिन लौटा नहीं। 17 अगस्त को पुलिस ने भुजियाघाट में सड़क किनारे से पवन की कार बरामद की थी। पास में एक कैंटिन में लगे सीसीटीवी कैमरे में पवन अंतिम बार तीन युवकों के साथ दिखाई दिया था। पवन के घर से लेकर भुजियाघाट और टीपीनगर तक पुलिस ने डेढ़ सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाल डाले।

दोस्तों और करीबियों को उठाकर कड़ी पूछताछ कर ली, लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। इसके ठीक एक महीने बाद 17 सितंबर को उसी जगह पर खाई में पवन का शव मिला, जहां उसे तीन लोगों के साथ सीसीटीवी में देखा गया था। जबकि पुलिस यहां पहले ही सर्च अभियान चला चुकी थी। इस मामले में जमकर हंगामा हुआ और मामला दून में मुख्यमंत्री तक पहुंचा। पुलिस ने जांच के लिए कई टीमें लगाईं, लेकिन न तो पुलिस हत्यारे तक पहुंच पाई और न ही कोई सुबूत जुटा सकी। अंत में मामले में एफआर लगाकर जांच बंद कर दी गई। 

पूनम को मिली दर्दनाक मौत, नहीं मिला कातिल
हल्द्वानी : 26 अगस्त 2018 को गोरापड़ाव के चर्चित पूनम पांडे हत्याकांड को पुलिस तो भूल चुकी है, लेकिन लोग नहीं भूले। गोरापड़ाव निवासी ट्रांसपोर्टर लक्ष्मी दत्त पांडे के घर में घुसकर बेरहमी से उनकी पत्नी पूनम की हत्या की और बेटी अर्शी को अधमरा छोड़ गए। हाई कोर्ट के आदेश पर एसआइटी का गठित हुई।

दून से एसटीएफ पहुंची। जांच में 25 टीमें लगीं। अर्शी समेत तीन लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ। दून से आए आला अफसर पहुंचे और तीन दिन में खुलासे का दावा किया। पीड़ित के घर से चोरी स्कूटी रोडवेज से बरामद भी कर ली गई। दो संदिग्ध सीसीटीवी में नजर भी आए। रोडवेज बस से निकले दोनों को रामपुर बस अड्डे तक ट्रैस भी किया गया। शहर की नामी हस्तियों से लेकर चालक-परिचालक, पूनम व अर्शी के दोस्तों व फेसबुक फ्रेंड रडार पर आए, लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। अंतत: पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर फाइल बंद कर दी।

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