Bareilly: जेल में निर्माण कार्यों में हो गया गोलमाल, जांच शुरू
बरेली, अमृत विचार: जिला जेल में हुए निर्माण कार्यों का भुगतान नहीं करने और नियम विरुद्ध अधूरे निर्माण कार्य दूसरे ठेकेदार को देने की शिकायत पर अधीक्षण अभियंता वृत्त प्रकाश चंद्र ने जांच बैठा दी है। उन्होंने अधिशासी अभियंता प्रांतीय निर्माण खंड-एक के बरेली और शाहजहांपुर के अफसरों को जांच करने के लिए पत्र लिखा है।
अधीक्षण अभियंता की ओर से जारी पत्र में निर्देश दिए कि मंडलीय काॅन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन लोक निर्माण विभाग की 10 बिंदुवार समस्याओं का निराकरण कर प्रभावी एवं नियमानुसार कार्रवाई करें। दरअसल मंडलीय काॅन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने पिछले मंगलवार को अधीक्षण अभियंता प्रकाश चंद्र के कार्यालय में शिकायती की थी 29 सितंबर, 2021 को हुए अनुबंध के अनुसार मेसर्स अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला जेल के अंदर 30 क्षमता के आठ बैरक, 64 सेल शौचालय और पार्टीशन दीवार समेत करीब 80 लाख के निर्माण कार्य कराए थे।
उन्होंने आरोप लगाया है कि अफसरों ने जेल के बाहर एक गार्ड्स रूम लिंटर डालने का काम भी मेसर्स अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी से करा लिया, लेकिन अतिरिक्त निर्माण सक्षम अधिकारी की ओर से स्वीकृत नहीं किया गया। आरोप है कि इस काम का अलग से टेंडर निकाला गया और 21 अक्टूबर 2022 को यही काम मेरठ की दूसरी संस्था को देकर पूरा करा लिया। लिंटर के बीम में जो सरिया डाली गई, उसका मेजरमेंट कम किया गया और ठेकेदार की सहमति भी नहीं ली गई। ठेकेदार को बार-बार पत्र भेजकर धमकाया जा रहा है। जेल के बाहर गार्ड रूम कार्य का भुगतान भी नहीं किया गया है।
वसूली के लिए भुगतान रोकने के आरोप लगे तो एसोसिएशन अध्यक्ष पर उठाए सवाल
अधीक्षण अभियंता प्रकाश चंद्र के निर्देश के बाद अधिशासी अभियंता शशांक भार्गव ने 19 अक्टूबर को काॅन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार अग्रवाल को मानकों का हवाला देते हुए पत्र लिखा कि अन्य व्यक्तियों या स्रोतों की शिकायत पर शपथ पत्र देने और साक्ष्य उपलब्ध होने पर ही जांच शुरू की जाती है।
तय मानकों के अनुसार मंडलीय काॅन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन अन्य स्रोत के अंतर्गत आती है। इस एसोसिएशन के रजिस्ट्रेशन, संविधान और आपके मंडल अध्यक्ष होने के संबंध में भी कोई भी सूचना खंड के पास उपलब्ध नहीं है। संबंधित जेई, एई ने जेल में काम का अंतिम भुगतान 22 नवंबर, 2023 को कार्यालय में प्रस्तुत किया जा चुका है, लेकिन अंतिम बिल की मापी चैक करने के लिए कई बार समय देने के बाद भी नहीं आए। उन्होंने कार्यालय आने को तीन दिन का समय दिया है।
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