मोहिनी हत्याकांड: आरोपी अधिवक्ता की जमानत अर्जी खारिज, नहीं काम आई दलीलें
कासगंज, अमृत विचार: महिला अधिवक्ता मोहिनी हत्याकांड का भले ही कुछ खास खुलासा नहीं हो सका है, लेकिन इस बीच जेल में बंद आरोपी जमानत के लिए कड़ी पैरवी में जुटे हुए हैं। आरोपी अधिवक्ता ने अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर जमानत के लिए अर्जी लगाई। न्यायालय ने जमानत अर्जी अब निरस्त कर दी है। इससे आरोपी की समस्या बढ़ती नजर आ रही है।
बीती तीन सितंबर को महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर ने न्यायालय के मुख्यद्वार से लापता हो गईं। चार सितंबर को उनका शव गोरहा नहर में रेगपुर गांव के पास मिला। छह सितंबर को अधिवक्ता के पति बृजतेंद्र तोमर ने प्रार्थना पत्र देकर अधिवक्ता मुस्तफा कामिल, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान, मुनाजिर रफी और केशव मिश्रा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया। इस मामले में अधिवक्ता केशव मिश्रा ने अपना जमानत प्रार्थना पत्र अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम न्यायालय में दिया।
इसकी सुनवाई एडीजे अनुतोष शर्मा ने की। दोनो पक्षों को सुना गया, फिर आरोपी पक्ष की दलील से न्यायालय संतुष्ट नहीं हुआ। जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि आरोपियों के साथ जमानत अर्जी देने वाले अधिवक्ता हत्या में शामिल हैं। इसके अलावा और भी कई तथ्य दिए गए। इस पर न्यायालय ने माना कि प्रकरण हत्या के जघन्य अपराध एवं गंभीर प्रवृति का है। विवेचना प्रचलित है। इस स्तर पर गुणदोष पर मत व्यक्त न करते हुए प्रकरण के तथ्यों एंव परिस्थितियों में जमानत नहीं देने के आधार पर्याप्त नहीं है। ऐसे में न्यायालय ने महिला अधिवक्ता मोहिनी के हत्यारोपी अधिवक्ता केशव मिश्रा की जमानत अर्जी निरस्त कर दी।
न्यायालय में मामला विचाराधीन है। अधिवक्ता उसमें आरोपी हैं। एक अधिवक्ता की जमानत अर्जी निरस्त हो गई है- संजीव यदुवंशी, जिला शासकीय अधिवक्ता(अपराध)
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