Lucknow News : बिडिंग गाइडलाइन का उल्लघंन कर पांच लाख घरों में लगाये गये घटिया क्वालिटी के Prepaid meter
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं। आरोप है कि निजी कंपनियों ने उपभोक्ताओं के साथ खिलवाड़ करते हुये घटिया गुणवत्ता के प्रीपेड मीटर लगाये हैं, इतना ही नहीं बिडिंग गाइडलाइन का उल्लंघन भी किया है। उपभोक्ता परिषद ने इस पूरे मामले में जांच की मांग की है। बताया जा रहा है कि बिडिंग गाइडलाइन के तहत 25000 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उसे एसएटी (साइट एक्सेप्टेंस टेस्ट) पास करना होगा, बिना एसएटी पास किये मीटर नहीं लगाया जा सकता, लेकिन उसके बाद भी इतनी संख्या में मीटर लगा दिये गये। उपभोक्ता परिषद की तरफ से कहा गया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कोई भी कंपनी टेस्ट पास नहीं कर पाई है।
दरअसल, प्रदेश में सभी विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाना है वहीं अब तक पूरे प्रदेश में लगभग 5 लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के घर पर लगाए जा चुके हैं मॉडल स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट की धारा 9.6.1 के तहत 5 प्रतिशत अथवा 25000 जो पहले हो स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद साइट एक्सेप्टेंस टेस्ट (एसएटी) पास करना अनिवार्य होगा और एसएटी टेस्ट के पहले फील्ड इंस्टॉलेशन एंड इंटीग्रेशन टेस्ट (एफआईआईटी) पास करना जरूरी है। उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि एसएटी पास की बात तो दूर कोई भी मीटर निर्माता कंपनी फील्ड इंस्टॉलेशन एंड इंटीग्रेशन टेस्ट पास नहीं कर पाई है। ऐसे में तत्काल पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने पर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को रोक लगानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बिडिंग डॉक्यूमेंट में दिए गए प्रावधान की जानकारी पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य निधि नारंग को दी है, साथ ही यह मांग की है कि बिना एसएटी टेस्ट पास किए स्मार्ट प्रीपेड मीटर को उपभोक्ताओं के परिसर पर न लगाया जायें। जिस पर निदेशक वाणिज्य ने आश्वासन दिया है कि मामले की गंभीरता से जांच कर कार्रवाई की जायेगी।
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