संभल की खुदाई खत्म नहीं हुई थी कि अब बदायूं में दूसरे समुदाय की जमीन पर मंदिर का दावा...
बिसौली तहसील क्षेत्र के गांव सिरसावां और बिजौरी के बीच 700 साल पुराने मंदिर का दावा
दबतोरी, अमृत विचार। सीमावर्ती जिला संभल में बावड़ी मिलने के बाद बदायूं की तहसील बिसौली क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों ने ग्राम समाज की जमीन पर कई साल पुराना महादेव मंदिर होने का दावा किया है। ग्रामीणों ने कहा कि लगभग 700 साल पहले मुगलों ने मंदिर को नष्ट कर दिया था लेकिन पास में ही मौजूद कई साल पुराना कुंआ इस बात की तस्दीक कर रहा है। शनिवार को ग्रामीणों के एसडीएम से पूजा अर्चना की अनुमति मांगने के बाद रविवार को तहसीलदार विजय कुमार शुक्ला पहुंचे। उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों के साथ बैठक की। शांति व्यवस्था कायम रखने का आह्वान किया। कहा कि यहां पूर्व में मंदिर है तो पुरातत्व विभाग से जांच कराई जाएगी। ग्रामीणों ने पेड़ की जड़ पर भगवान शिव की मूर्ति रखकर पूजा की और जल चढ़ाया।
मामला तहसील बिसौली क्षेत्र के गांव सिरसावां और बिजौरी के बीज जंगल का है। गांव सिरसावां निवासी ओमवीर सिंह ने एसडीएम, बिसौली को पे प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने बताया कि दोनों गांवों के बीच एक प्राचीन बड़ा महादेव मंदिर था। पूर्वजों ने देखा भी था और चर्चा करते आ रहे थे कि मंदिर पर पूर्वज पूजा करते थे। मंदिर लगभग 1700 ई. पुराना था। जिसे मुगल शासकों ने नष्ट कर दिया था लेकिन आज भी वहां मंदिर के अवशेष मौजूद हैं। यहां एक कदंब का पेड़, एक कूप, मंदिर का चबूतरा है। ओमवीर सिंह ने मांग की थी कि यहां मंदिर के अस्तित्व को उजागर करके पूजा अर्चना की अनुमति दें। लोगों ने शनिवार को पूजा भी की थी। वहीं बताया जा रहा है कि यह जमीन दूसरे समुदाय के व्यक्ति की है। रविवार को ग्रामीण मौके पर पहुंचे। कदंब के पेड़ के नीचे भगवान शिव की मूर्ति और चित्र रखकर पूजा की। पेड़ पर लाल कपड़ा लपेटा। ओमवीर सिंह, रमन पाल सिंह, सुरेश, तेजपाल सिंह, गांव संग्रामपुर के ग्राम प्रधान के भाई मनीराम मौके पर पहुंचे। कहा कि सभी को यहां पूजा करने की अनुमति मिलनी चाहिए। महादेव मंदिर की स्थापना भी की जाए। तहसील प्रशासन को पूजा की जानकारी हुई तो बिसौली तहसीलदार विजय कुमार शुक्ला दबतोरी पुलिस चौकी पहुंचे। जहां चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह, वरिष्ठ उपनिरीक्षक शिवेंद्र सिंह भदौरिया के साथ दोनों गांव के लोगों के मुअज्जिज लोगों को बुलाया। शांति व्यवस्था कायम और नई परंपरा न डालने को कहा। अगर जमीन ग्राम समाज की है तो टीम नाप करेगी। अगर यहां पूर्व मंदिर था तो यह पुरातत्व विभाग जांच करेगा। जिला प्रशासन को रिपोर्ट दर्ज जाएगी लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि नई परंपरा न डालें और शांति व्यवस्था कायम रखें।