बुलंदशहर के चर्चित हत्याकांड के 6 आरोपियो को हाईकोर्ट ने किया बरी

बुलंदशहर के चर्चित हत्याकांड के 6 आरोपियो को हाईकोर्ट ने किया बरी

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर के चर्चित हत्याकांड में चार लोगों की हत्या के 6 आरोपियों की उम्रकैद की सजा को रद्द करने के साथ ही उन्हें दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया। गवाहों के बयान और साक्ष्यों में भिन्नता के कारण न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की खंडपीठ ने वेद उर्फ वेदपाल, गंगा, जगन, प्यारे, राकेश और बबलू उर्फ बलुआ की अपील को स्वीकार कर लिया।

अभियुक्तों के खिलाफ बुलंदशहर के पुलिस स्टेशन डिबाई में 25 मई 2004 को मृतक दिनेश के पुत्र बंटी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि पुरानी रंजिश के चलते रात में ट्यूबवेल पर सो रहे परिवार के कुंवर सिंह, संतोष, दिनेश और जालिम सिंह की हत्या कर दी गई। ट्रायल कोर्ट ने 30 जून 2007 को 6 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाए, जिसे हाईकोर्ट में वर्तमान अपील के माध्यम से चुनौती दी गई थी।

हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के दस्तावेज देख कर पाया कि घटनास्थल पर प्रकाश बहुत मद्धिम था, जिसमें गवाहों ने आरोपियों की पहचान की। हालांकि गवाहों ने आरोपियों को टॉर्च की रोशनी में पहचान का दावा किया था, लेकिन जांच अधिकारी टॉर्च बरामद करने में असफल रहे। अंत में कोर्ट ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

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