कुपोषण की चपेट में बच्चे, छह माह से एनआरसी के सभी बेड फुल

लगातार बढ़ रही गंभीर कुपोषित बच्चों की तादाद

कुपोषण की चपेट में बच्चे, छह माह से एनआरसी के सभी बेड फुल

बरेली, अमृत विचार। कुपोषित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आंकड़े भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं। जिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) छह महीने से फुल चल रहा है। 10 बेड पर 11 कुपोषित बच्चे भर्ती हैं। हालांकि बच्चों की सेहत में सुधार हो रहा है, लेकिन संख्या अधिक होने के कारण एक बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है। कुपोषण के साथ इन बच्चों में निमोनिया, डायरिया, खांसी, जुकाम, बुखार के भी लक्षण मिल रहे हैं।

किस माह में कितना रहा बीओआर
केंद्र की डाइटिशियन डॉ. रोजी जैदी के मुताबिक छह महीने से लगातार टीमों की ओर से यहां कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है। मई में 23 बच्चे भर्ती हुए और बेड ऑक्यूपेंसी रेट (बीओआर) 90 फीसदी रहा। जून में 22 बच्चे भर्ती हुए और बीओआर 98 फीसदी रहा। जुलाई में 24 बच्चे भर्ती हुए और बीओआर 100 फीसदी रहा। अगस्त में 26 बच्चे भर्ती हुए और बीओआर 96 फीसदी रहा। सितंबर में अवकाश अधिक होने के चलते बच्चों की संख्या 21 और बीओआर 84 फीसदी रहा है, लेकिन बेड छह माह से फुल चल रहे हैं।

टीम गंभीर कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर भर्ती करा रही
आंगनबाड़ी के अलावा स्वास्थ्य विभाग की ओर से आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) टीम भी गठित की गई है। जो रोजाना केंद्रों पर जाकर बच्चों की जांच कर गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराती है।

कुपोषण के लक्षण
- जन्म के समय दो किलो से कम वजन होना, बच्चे में चिड़चिड़ापन और सुस्त रहना, बार-बार बीमारियों की चपेट में आना, बच्चे में उम्र के साथ वजन न बढ़ना, कुछ भी खाने पर तुरंत उल्टी दस्त होना आदि।