बिहार में जहरीली शराब पीने से 25 लोगों की मौत, 12 गिरफ्तार

बिहार में जहरीली शराब पीने से 25 लोगों की मौत, 12 गिरफ्तार

पटना। बिहार के सिवान और सारण जिलों में नकली शराब पीने से बृहस्पतिवार को 25 लोगों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नकली शराब बेचने के मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस महानिदेशक आलोक राज ने बताया कि नकली शराब पीने से सिवान में 20 और सारण में पांच लोगों की मौत हो गयी और 12 लोगों को कथित तौर पर नकली शराब बेचने के लिए गिरफ्तार किया गया। 

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। राज ने मीडिया को बताया, “घटना के बाद दो विशेष जांच दल भी गठित किए गए हैं। स्थानीय स्तर पर गठित एक दल नवीनतम प्रकरण में शामिल आपराधिक बिंदुओं की जांच करेगा। इसके अलावा पटना में मद्य निषेध विभाग द्वारा एक और एसआईटी गठित की गई है, जो हाल के दिनों में हुई ऐसी सभी घटनाओं का व्यापक अध्ययन करेगी, जिसके आधार पर कार्रवाई की योजना बनाई जाएगी।” 

अधिकारी ने यह भी बताया कि एक शराब माफिया का नाम सामने आया है। वह पहले भी इसी तरह के एक मामले में शामिल था और फिलहाल जमानत पर बाहर है। उन्होंने बताया कि हम मामले की सभी संभावित पहलुओं से जांच कर रहे हैं। दोनों जिलों के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार रात सिवान के मगहर व औरिया पंचायत और सारण के मशरख में उस समय यह घटना हुई, जब कई स्थानीय लोगों ने शराब पी।

 बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने अप्रैल 2016 में राज्य में पूरी तरह से शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। अधिकारियों ने यह भी बताया कि 20 से अधिक लोग अभी भी अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं, जिनमें से कई लोग नकली शराब के दुष्प्रभाव के कारण अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं। 

राज्य के मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा ने शराब माफिया पर लगाम लगाने के लिए कठोर “सीसीए” (अपराध नियंत्रण अधिनियम) लाने की बात कही लेकिन पत्रकारों द्वारा शराबबंदी कानून की कथित विफलता के बारे में पूछे जाने पर वह भड़क गए। 

कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “केवल सीसीए क्यों? दोषियों को फांसी पर लटका देना चाहिए। किसी को भी नहीं छोड़ना चाहिए, भले ही संदिग्ध किसी भी विपक्षी दल से जुड़े हों। लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार अपनी शराबबंदी नीति की समीक्षा करे, जो नकली शराब की बिक्री को रोकने में विफल रही है।” राज्यसभा सांसद ने यह भी कहा कि पार्टी ने सात सदस्यीय तथ्यान्वेषी दल का गठन किया है, जो प्रभावित इलाकों का दौरा करेगा और कांग्रेस नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। 

सीवान की दरौली सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)- मार्क्सवादी लेनिनवादी (माले) विधायक सत्यदेव राम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और आरोप लगाया, “प्रशासन पूरी बात को दबाने पर आमादा है। कम से कम 60 गांवों के निवासियों ने शराब पी है। यह इतने बड़े पैमाने पर नहीं हो सकता था, जब तक कि अवैध व्यापार में शामिल लोगों को स्थानीय प्रशासन का संरक्षण न मिल रहा हो।” 

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार में शराब से मौतें आम बात हो गई है लेकिन कभी भी किसी उच्च पदस्थ अधिकारी को इस चूक के लिए सजा नहीं मिलती है। अगर शराबबंदी के बावजूद नकली शराब मिल रही है, तो यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी विफलता है, जिन्होंने अपने पूरे कार्यकाल में गृह विभाग अपने पास रखा है।” 

इस बीच, मुख्यमंत्री ने स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने संबंधित अधिकारियों को घटनास्थल का दौरा करने और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने राज्य के लोगों से ऐसे तत्वों से सावधान रहने की अपील की जो शराब के सेवन को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ की कोशिश कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा शराब पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से शराब के कारण 150 से अधिक मौतें हुई है। 

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