हरदोई: एसडीएम सण्डीला ने अभिलेखागार पहुंच चुकी फाइल से पन्ना हटाने को कहा, ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल, जानें क्या है मामला

हरदोई: एसडीएम सण्डीला ने अभिलेखागार पहुंच चुकी फाइल से पन्ना हटाने को कहा, ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल, जानें क्या है मामला

हरदोई। हैलो...वो जो 28/6 में दस्तखत हुए थे, वह फाइल कहां है? मैम वो फाइल तो अभिलेखागार में जमा हो चुकी है, अरे आपने क्या किया...कुछ भी करिए, उस फाइल में लगा दस्तखत वाला पन्ना वहां से हटाइए, उसके लिए चाहे 10, 20, 50 हज़ार खर्च क्यों न हो जाए। एसडीएम सण्डीला अरुणिमा श्रीवास्तव की इस तरह की बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेज़ी से वायरल हो रहा है।

दरअसल एसडीएम का प्रमोशन होने के बाद भी अरुणिमा श्रीवास्तव ने दाखिल-खारिज की फाइल पर सवायजपुर तहसीलदार की हैसियत से बैक डेट में दस्तखत किए थे, लेकिन अब उसी मामले में जांच शुरु हुई तो एसडीएम सण्डीला अपने को बचाने के लिए अभिलेखागार पहुंच चुकी सरकारी फाइल में छेड़छाड़ करने के लिए चाहे जो भी रुपए खर्च हों, खर्च करने की बात कर रही है।

एसडीएम सण्डीला अरुणिमा श्रीवास्तव का आडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेज़ी से वायरल हो रहा है,जिसमें किसी मुन्ना बाबू का नाम ले कर उससे पूछ रहीं है कि उन्होंनें साल 2023 को 28/6 में दाखिल-खारिज की जिस फाइल पर दस्तखत किए थे, वह फाइल कहां है, जवाब दिया गया कि मैडम वो तो अभिलेखागार में जमा हो गई।

इतना सुनते ही एसडीएम हड़बड़ा गईं और कहने लगी कि मुन्ना बाबू आपने क्या किया,मालूम है उसमें जांच हो रही है,कुछ भी हो उस फाइल में लगा उनके दस्तखत वाला पन्ना वहां से हटाइएं, उसके लिए 10,20 या 50 हज़ार तक खर्च हो जाए। एसडीएम का वायरल आडियो इस बात का गवाह है कि पैसों की खनक के चलते सरकारी फाइलों के साथ किस तरह छेड़छाड़ की जाती है। इसे ले कर प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है।

आखिर क्या है मामला

सवायजपुर तहसील के डिघासर गांव में 0.975 हेक्टेयर और उसी तहसील के बरौली में 0.0510 हेक्टेयर ज़मीन के दाखिल-खारिज मामले में डीएम की तरफ से जांच चल रही है। अरुणिमा श्रीवास्तव सवायजपुर तहसीलदार थी,लेकिन 30 जून 2023 में शासन ने उनका प्रमोशन करते हुए एसडीएम बना दिया,डीएम ने उन्हे सवायजपुर एसडीएम की ज़िम्मेदारी सौंप दी थी।

उसी बीच एसडीएम का प्रमोशन पा चुकी अरुणिमा श्रीवास्तव ने 28 जून 2023 को तहसीलदार की हैसियत से दाखिल-खारिज की उन दोनों फाइलों में अपने दस्तखत किए थे,वहीं पेंच फंस गया,अब एसडीएम सण्डीला अपना बचाव करते हुए अभिलेखागार पहुंच चुकी सरकारी फाइल से छेड़छाड़ करने के लिए न सिर्फ कह रहीं हैं,बल्कि उसके लिए 10,20,50 हज़ार रुपये तक खर्च करने की बात कहती हुई सुनी जा रही हैं।

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