बदायूं: कलेक्ट्रेट तिराहे पर फूटा अधिवक्ताओं का गुस्सा, विरोध प्रदर्शन के दौरान लगाया जाम

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से खफा जिला और सिविल बार एसोसिएशन ने सौंपे ज्ञापन

बदायूं: कलेक्ट्रेट तिराहे पर फूटा अधिवक्ताओं का गुस्सा, विरोध प्रदर्शन के दौरान लगाया जाम

बदायूं, अमृत विचार। न्यायालय के आदेश को लेकर अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। जिला बार और जिला सिविल बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और अधिवक्ताओं ने बैठक की। सिविल बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। जिला सिविल बार के पदाधिकारी और अधिवक्ताओं ने महाराणा प्रताप चौक पर कलेक्ट्रेट के सामने जाम लगाया व धरना-प्रदर्शन किया। अधिकारियों को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपकर आदेश वापस करने की मांग की। कहा कि अधिवक्ता खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान वाहनों की कतारें लगीं। कुछ वाहन वापस जाकर दूसरे रास्तों से होकर गुजरे।

बुधवार सुबह जिला बार एसोसिएशन की सभा मथुरा प्रसाद मैमोरियल हाल में अध्यक्ष योगेंद्र पाल सिंह और जिला सिविल बार एसोसिएशन की सभा वरिष्ठ अधिवक्ता हिमांशु कुमार की अध्यक्षता में हुई। दोनों बार में उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर चर्चा की गई। योगेंद्र पाल सिंह और हिमांशु कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के संबंध में 22 सितंबर को प्रयागराज मेकं उत्तर प्रदेश संयुक्त अधिवक्ता सम्मेलन हुआ था। जिसमें निर्णय लिया गया था कि अधिवक्ता 25 सितंबर को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन देकर मांग पत्र राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। जिसके अंतर्गत जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और अन्य अधिवक्ता कलेक्ट्रेट पर पहुंचे और जाम लगाया। किसी भी वाहन को आगे नहीं बढ़ने दिया। वाहन चालकों से अधिवक्ताओं की बहस हुई। अधिवक्ताओं ने जेसीबी पर चढ़कर भी प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। कुछ समय के बाद एडीएम अरुण कुमार ने मौके पर पहुंचकर ज्ञापन लिया। वहीं काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन के बाद सिविल बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को और अधिवक्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट देवेंद्र पाल सिंह को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। दोनों बार एसोसिएशन की ओर से दिए गए ज्ञापन में लिखा गया कि उच्च न्यायालय, इलाहाबाद ने 7 अगस्त को जो आदेश किया था। जिसमें अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्यों से विरत न रहने, हड़ताल व कंडोलेंस करने को अवमानना बताया गया है। 

एक ही संघ को सुनकर आदेश किया पारित
अधिवक्ताओं ने कहा कि एक ही संघ को सुनकर आदेश पारित किया है। अन्य अधिवक्ता संघों को समुचित सुनवाई का अवसर न देकर आदेश पारित किया गया है। जो असंवैधानिक होने के साथ-साथ अधिवक्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इस आदेश को वापस लिया जाए। बताया कि प्रदेश भर में अधिवक्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है। अधिवक्ता खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से अधिवक्ता संरक्षण बिल पास किए जाने की मांग की है। जिला सिविल बार एसोसिएशन के सचिव अरविंद पाराशरी ने कहा कि कोर्ट को यह आदेश वापस लेना चाहिए। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल और पीएसी के जवानों का पहरा रहा। 

विरोध प्रदर्शन में शामिल पदाधिकारी व अधिवक्ता
विरोध प्रदर्शन के दौरान सिविल बार के सचिव अरविंद पाराशरी, हेमेंद्र कुमार रेंडर, सुभाष चंद्र गुप्ता, राधा रमन गुप्ता,  असरार अहमद, सुभाष गुप्ता, सुनील कुमार सक्सेना, राजीव सक्सेना, वेद प्रकाश साहू, रक्षित सरन, विवेक रेंडर, सिसनेश सक्सेना, हरि प्रताप सिंह राठौड़ के साथ जिला बार एसोसिएशन के सचिव संदीप मिश्रा, अध्यक्ष योगेंद्र पाल सिंह, प्रदीप शर्मा, अमित, भावना शर्मा, मोहित पांडेय, पवन, जसवीर, सुमन पाल, ओवैश अहमद, संदीप भारती रहे।