US Open : आर्यना सबालेंका ने जीता अमेरिकी ओपन का खिताब, फाइनल में जेसिका पेगुला को सीधे सेटों में हराया
न्यूयॉर्क। आर्यना सबालेंका ने अमेरिका की जेसिका पेगुला को सीधे सेटों में हरा कर अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट में महिला एकल का खिताब जीता। दूसरी वरीयता प्राप्त सबालेंका में आर्थर ऐश स्टेडियम में खेले गए फाइनल में छठी वरीयता प्राप्त पेगुला को 7-5, 7-5 से हराकर अमेरिकी ओपन में पहला और कुल मिलाकर तीसरा ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट जीता। सबालेंका पिछले साल यहां फाइनल में हार गई थी जबकि इससे पहले वह दो बार सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई थी।
बेलारूस की 26 वर्षीय सबालेंका ने पहले सेट के आखिरी दो गेम और मैच के आखिरी चार गेम जीतने के बाद कहा,‘‘पिछले साल मैंने यहां कड़ा सबक सीखा था। फाइनल के मुश्किल पलों में मैं मजबूत बने रहने की कोशिश कर रही थी। मैं खुद को यह याद दिलाने की कोशिश कर रही थी कि मैंने बहुत कुछ झेल लिया है और मैं इस दबाव को झेलने के लिए काफी मजबूत हूं।’’
सबालेंका ने उन चुनौतियों का जिक्र भी किया जिनका सामना उन्हें पिछले कुछ वर्षों में करना पड़ा था। उनके पिता का 2019 में निधन हो गया था जबकि इस साल मार्च में उनके एक पूर्व प्रेमी की मृत्यु हो गई थी। दाहिने कंधे की समस्या के कारण उन्हें इस जुलाई में विंबलडन से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘अपने पिता को खोने के बाद टेनिस के इतिहास में अपने परिवार का नाम दर्ज कराना हमेशा मेरा लक्ष्य रहा।’’ सबालेंका ने कहा,‘‘जब भी मैं ट्रॉफी पर अपना नाम देखती हूं तो मुझे खुद पर बहुत गर्व होता है। मुझे अपने परिवार पर गर्व होता है जिन्होंने मुझे आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया था।
सबालेंका पिछले साल फाइनल में कोको गॉफ से हार गई थी। तब उन्हें दर्शकों का समर्थन नहीं मिला था। गॉफ की तरह पेगुला भी अमेरिकी खिलाड़ी है, लेकिन दर्शक इस बार सबालेंका के प्रति कहीं अधिक उदार थे। पेगुला पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में खेल रही थी। वह शुरुआती बढ़त का फायदा नहीं उठा पाई तथा सबालेंका लगातार पांच गेम जीतकर पहला सेट जीतने के साथ ही दूसरे सेट में 3-0 की बढ़त बनाई।
अमेरिकी खिलाड़ी ने इसके बाद वापसी की अच्छी कोशिश की लेकिन वह सबालेंका को चैंपियन बनने से नहीं रोक पाई। पेगुला ने कहा,‘‘उसने महत्वपूर्ण मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया। मुझे खुशी है कि मैंने अच्छी वापसी करके खुद को मौका दिया था लेकिन आखिर में यह पर्याप्त साबित नहीं हुआ।’
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