प्रयागराज : पोकर और रमी जुआ नहीं बल्कि कौशल के खेल

प्रयागराज : पोकर और रमी जुआ नहीं बल्कि कौशल के खेल

अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक गेमिंग कंपनी द्वारा गेम ज़ोन संचालित करने की अनुमति की मांग को खारिज करने के मामले में कहा कि पोकर और रमी जुआ नहीं बल्कि कौशल के खेल हैं। इन्हें सामाजिक शांति और सद्भावना में बाधा डालने वाले खेलों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने मेसर्स डीएम गेमिंग प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाईकोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए प्राधिकरण को आदेश पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया, साथ ही निर्णय की तिथि से 6 सप्ताह के भीतर याची को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के बाद एक तर्कसंगत आदेश पारित करने का भी निर्णय दिया। कोर्ट ने माना कि अधिकारियों को इस मुद्दे की गहन जांच करनी चाहिए। केवल अनुमान के आधार पर अनुमति देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। मनोरंजक गेमिंग गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति देने से इनकार करने के लिए अधिकारियों द्वारा ठोस तथ्य रिकॉर्ड पर रखने की आवश्यकता है।

दरअसल 24 जनवरी 2024 को डीसीपी सिटी कमिश्नरेट, आगरा की ओर से जारी एक आदेश द्वारा गेमिंग कंपनी को एक गेम जोन संचालित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया, जहां पोकर और रमी खेल खेला जाना था। इस आदेश को वर्तमान याचिका द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि केवल इस अनुमान के आधार पर अनुमति देने से इनकार करना कि ऐसे खेलों से शांति और सद्भाव में बाधा उत्पन्न हो सकती है, गलत है। इस तरह की धारणाएं अनुमति देने से इनकार करने के लिए वैध कानूनी आधार निर्मित नहीं करती हैं। 

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