पूर्व एमएलसी दीपक सिंह समेत पांच ने किया सरेंडर, रिहा

पूर्व एमएलसी दीपक सिंह अपने अधिवक्ता के साथ सरेंडर करने पहुंचे दीवानी न्यायालय

पूर्व एमएलसी दीपक सिंह समेत पांच ने किया सरेंडर, रिहा

सुलतानपुर, अमृत विचारः लोकसभा में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच हुए विवाद के विरोध में प्रदर्शन करने और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का पुतला फूंकने से जुड़े मामले में सोमवार को आरोपी पूर्व एमएलसी दीपक सिंह  समेत पांच आरोपियों ने एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में सरेंडर कर दिया । बचाव पक्ष के वकील रवि शुक्ल ने बताया काग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह, मनोज कश्यप, सदाशिव, अखिलेश मिश्र व योगेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रोहित की जमानत अर्जी पर हुई  सुनवाई में कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली।

जमानतनामा  व मुचलका दाखिल करने पर विशेष कोर्ट ने आरोपियों कोर्ट से रिहा कर दिया । गौरीगंज थाने में 29 जुलाई 2022 को कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह, अमेठी के कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल, एवं जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्र समेत 131 लोगों के खिलाफ दरोगा राजेश कुमार ने केस दर्ज कराया था। आरोप है कि लोकसभा में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच हुए विवाद के विरोध में 29 जुलाई 2022 को कांग्रेसियों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया तथा रायबरेली-सुलतानपुर मार्ग स्थित सब्जी मंडी तिराहा कस्बा गौरीगंज में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का पुतला फूंका था। पुलिस ने कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह समेत 28 आरोपियों के खिलाफ पिछले दिनों कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

भाजपा पूर्व विधायक गरिमा सिंह के मामले में नहीं हुई गवाही

भाजपा की पूर्व विधायक गरिमा सिंह व उनके पुत्र आनंत विक्रम सिंह के आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सोमवार को अभियोजन गवाह  के न आने के कारण गवाही नही हो सकी। कोर्ट ने तत्कालीन कांस्टेबल मनीष कुमार को गवाही हेतु तलब किया था। गवाह के न आने के कारण कोर्ट ने सुनवाई के लिए छह सितंबर  की तारीख नियत की है। अमेठी जिले के थाना क्षेत्र गौरीगंज में छह वर्ष  पूर्व आचार संहिता की उल्लंघन के मामले में 6 फरवरी 2017 को तत्कालीन एसओ आरपी शाही ने बिना अनुमति जुलूस निकालने पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था।

पूर्व विधायक अनूप संडा ने किया सरेंडर, रिहा

चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में पूर्व विधायक अनूप सण्डा सोमवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया । कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर रिहा कर दिया। 
विशेष कोर्ट ने मामले में उनके खिलाफ जमानतीय वारंट जारी कर तलब किया था । 20 फरवरी 2022 को केएनआईटी कस्बा में मंदिर के पास बिना अनुमति जनसभा करने के आरोप में तत्कालीन दरोगा मुकेश कुमार ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज कराया था ।

पूर्व विधायक अनूप संडा ने विशेष कोर्ट में दाखिल किया मुचलका

 समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनूप संडा सहित तीन आरोपितों ने सोमवार को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ से मिली जमानत के अनुपालन में मुचलका एमपीएमएलए कोर्ट में दाखिल किया, जिसे विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने स्वीकार कर लिया। 

विशेष जज एकता वर्मा ने तीनों को तीन माह की कैद और डेढ़ हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाते हुए विचारण न्यायालय में समर्पण करने का आदेश दिया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरविन्द सिंह राजा ने बताया कि बदहाल विद्युत व्यवस्था के खिलाफ मार्ग जाम कर कानून व्यवस्था भंग करने के मामले में आप सांसद संजय सिंह और पूर्व विधायक अनूप संडा सहित छह आरोपितों को दोषी ठहराया गया था। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में रिवीजन दायर किया गया था, जिसमें न्यायामूर्ति करुणेश सिंह पवार ने 50 हजार रुपये का मुचलका देने पर अपील के निस्तारण तक सजा पर रोक लगा दी है। अनूप संडा, विजय और संतोष कुमार ने सोमवार को मुचलका दाखिल किया।


पूर्व विधायक रामचंद्र चौधरी के केस में गवाही

कादीपुर में 22 साल पहले हुई एक दुर्घटना के बाद हुए उपद्रव के मामले में पूर्व विधायक समेत 17 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई जारी है। सोमवार को कांस्टेबल कस्तूरी चंद्र राय और गवाह पारसनाथ वर्मा के बयान हुए।  एफआईआर लेखक कस्तूरी चंद्र से पूर्व विधायक के अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने जिरह की लेकिन अन्य से जिरह नहीं हो सकी। मामला एमपीएमएलए कोर्ट में चल रहा है। घटना 2002 में हुई थी, जब एक छात्रा की मृत्यु के बाद लोगों ने मार्ग जाम कर दिया था और पुलिस पर हमला किया था। आरोपियों में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सहित कई लोग शामिल हैं।

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