Exclusive: फिरोज शाह तुगलक ने कराई मजार शरीफ की तामीर; शाह आला ने प्यार, मोहब्बत व भाईचारे का दिया पैगाम

Exclusive: फिरोज शाह तुगलक ने कराई मजार शरीफ की तामीर; शाह आला ने प्यार, मोहब्बत व भाईचारे का दिया पैगाम

कानपुर, जमीर सिद्दीकी। हजरत मखदूम शाह आला ने पूरी जिंदगी लोगों को खिदमत इंसानियत हक सदाकत सच्चाई इंसाफ अमन शांति भाईचारे का पैगाम दिया। आपके मजार शरीफ और गुंबद की तामीर अबुल मुजफ्फर फिरोज शाह तुगलक ने कराई और गुंबद का डिजाइन अबुल मुबारक मोहम्मद ने किया। हजरत मख्दूम शाह आला ने जाजमऊ में करीब 60 साल कयाम किया। 

आल इंडिया गरीब नवाज कौंसिल के अध्यक्ष मौलाना हाशिम अशरफी ने बताया कि हजरत शेख अलाउल हक वद्दीन यूसुफ अल मारूफ मखदूम शाह आला अलैहिर्रहमह 21 रमजान 571 हिजरी मुताबिक माह अगस्त 1175 ई. को ईरान के एक इलाका जंजान में पैदा हुए। शुरुआती तालीम के बाद हुसूले इल्म की खातिर बगदाद का सफर फरमाया जहां 2 साल तक रहे। 

वहीं पर आपने कुरान हदीस तफसीर अदब फिकह तारीख शरीयत व तरीकत आदि के मुकम्मल उलूम हासिल किए। उस मुकद्दस बस्ती में हजरत ख्वाजा गरीब नवाज अलैहिर्रहमा से मुलाकात हुई। ख्वाजा गरीब नवाज ने आपको खिलाफत से नवाजा। आपको खिलाफत कादरीया और सोहरवरदिया भी हासिल थी। आबाई वतन (पैत्रक देश) वापस आने के बाद आपने हिंदुस्तान का सफर फरमाया और दिल्ली में कयाम (रुकना) किया। 

यह दौर बादशाह सुल्तान ऐबक का था उधर ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर में बैठकर पूरे मुल्क में रूहानी हुकुमत फरमा रहे थे और दिल्ली को ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी अलैहिर्रहमा के सुपुर्द कर दिया था। बादशाह कुतुबद्दीन ऐबक को जब मालूम हुआ कि एक अल्लाह का वली दिल्ली में आया हुआ है तो ऐबक ने पुरजोश इस्तकबाल किया और फिर दिल्ली से आप जाजमऊ तशरीफ लाए और जालिमाना इकतेदार का खात्मा फरमा कर पूरे इलाके में इंसाफ का परचम लहरा दिया।

मौलाना ने बताया कि हजरत मखदूम शाह आला ने अपनी जिंदगी के 60 साल जाजमऊ में गुजारकर इस इलाके को बरकात से मालामाल कर दिया। 27 सफर को 125 साल की उम्र में आपका विसाल (इंतकाल) हुआ। हजरत मख्दूम शाह आला की मजार शरीफ जाजमऊ में है जहां उर्स मुबारक हो रहा है।

हजरत दादा मियां की मजार पर फातिहा पढ़ी

हजरत दादा मियां की मजार शरीफ पर भी अकीदतमंदों का मेला लगा रहा और लोगों ने हाजिरी लगाने के साथ ही मन की मुरादें पाने के लिए दुआ की। रविवार को देर रात हजरत दादा मियां की मजार शरीफ पर लोग फातिहा पढ़ने के लिए पहुंचे। मजार शरीफ को खूबसूरत तरीके से सजाया गया था। हजारों की संख्या में पहुंचने वालों ने पहले हजरत दादा मियां की मजार पर हाजिरी लगाई, उसके बाद हजरत मख्दूम शाह आला की मजार पर पहुंचे।

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