CHO strike: हड़ताल पर सीएचओ, 17 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर बंद, कैसे हो मरीजों का इलाज

CHO strike: हड़ताल पर सीएचओ, 17 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर बंद, कैसे हो मरीजों का इलाज

लखनऊ, अमृत विचार। 21 अगस्त से अपनी मांगों को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) आंदोलनरत है, लेकिन बुधवार से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्य पूरी तरह से बंद हो गया है। इसके पीछे की वजह करीब 20 हजार सीएचओ का अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाना है। 

17 हजार आयुष्मान मंदिर पूरी तरह से बंद हो गये हैं। मरीजों को टेली कंसल्टेंसी के जरिये परामर्श नहीं मिल पा रहा है और न ही दवायें उपलब्ध हो पा रही हैं। इतना ही नहीं टीकाकरण का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ से संबद्ध एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर बैनर तले शुरू हुआ प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी है। इको गार्डन में प्रदर्शनकारी जुटे हुये हैं।

संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि बुधवार को प्रदेश के समस्त CHO अपनी जायज मांगों को लेकर मिशन निदेशक से मिलने के लिए कार्यालय पर पहुंचे थे। इस दौरान CHO UP के प्रतिनिधिमंडल की मिशन निदेशक से लंबी वार्ता हुई, लेकिन कोई समाधान न निकलने के कारण  प्रदेश के समस्त CHO हड़ताल पर चले गये हैं।

उन्होंने बताया कि कई लोगों पर एफआईआर भी प्रमुख सचिव की तरफ से दर्ज करा दी गई है। जिसके चलते सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। उन्होंने बताया कि यदि शासन प्रशासन मांगो पर ध्यान नहीं देता है तो पूरा NHM आंदोलन करने पर विवश होगा।

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की मांग

 1. उत्तर प्रदेश राज्य संविदा कार्मिकों को रिजवी कमिटी के द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार समान काम समान वेतन दिया जाता है, इसके अनुसार CHO को 4800 ग्रेड पे के अनुसार वेतन निर्धारण तथा मंहगाई भत्ता भी दिया जाए। वहीं अन्य राज्यों में एनएचएम का वेतन निर्धारण किया जा चुका है जैसे मध्यप्रदेश, हरियाणा, बिहार, मेघालय,मणिपुर। यूपी में भी वेतन निर्धारण जरूरी है।

2. नियमित कैडर निर्माण, 6 वर्ष पर नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करना, जिस प्रकार महाराष्ट्र , राजस्थान में NHM कर्मियों को नियमितीकरण का लाभ वर्ष 2024 में दिया।

3. सभी CHO को स्वेच्छिक स्थानांतरण का लाभ दिया जाए जिससे CHO भी अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए, स्वस्थ मन से अपने कार्यस्थल पर कार्य कर सके।

4. AMS पर ऑनलाइन उपस्थिति जब तक स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों पर लागू नहीं होती है,तब तक CHO पर भी यह नियम लागू न हो।

संगठन के हिमालय कुमार ने जानकारी दी की 29 अगस्त को किसी भी सक्षम अधिकारी ने CHO के प्रतिनिधिमंडल से कोई वार्ता नही की। जिसके कारण अब तब तक प्रदर्शन  किया जायेगा, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती है। संघ के प्रदेश महामंत्री जनक सिंह, नित्यम विश्वकर्मा, नागेश शर्मा, संदीप चौधरी, बंटी चौहान, सौरभ कौशिक, रामबाबू वर्मा,  फार्मासिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण यादव , संदीप तिवारी सदस्य संयुक्त एनएचएम ने भी अपनी बात रखी है।

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