Avanish Dixit के जेल जाने के बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई से Kanpur के पत्रकारों में दहशत...आधी रात गिरोह के इन सदस्यों के घरों में पुलिस ने की छापेमारी

दिवस पांडेय व एक अन्य के घर दी दबिश

Avanish Dixit के जेल जाने के बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई से Kanpur के पत्रकारों में दहशत...आधी रात गिरोह के इन सदस्यों के घरों में पुलिस ने की छापेमारी

कानपुर, अमृत विचार। सिविल लाइंस में नजूल की 1000 करोड़ की जमीन पर कब्जे के प्रयास के मामले में जेल में बंद अवनीश दीक्षित के गिरोह के अन्य सदस्य के घर पुलिस की अलग-अलग टीमों ने गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की। हालांकि, पुलिस की टीमों को एक भी आरोपी घर पर नहीं मिले। जिसके बाद पुलिस खाली हाथ बैरंग लौट गई। रविवार देर रात हुई पुलिस फोर्स की छापेमारी से इलाकों में हड़कंप मचा रहा।

पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के निर्देश पर वसूलीबाज और ब्लैकमेलर कथित व तथकथित पत्रकारों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत रविवार देर रात प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के गिरोह के फरार चल रहे सदस्य अमन तिवारी निवासी मंगला विहार, न्यू आजाद नगर निवासी अमन बाजपेई उर्फ रिक्की, दिवस पांडेय निवासी बर्रा और कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री कुशाग्र पांडेय निवासी दाल मंडी के घर कई थानों की फोर्स ने छापेमारी की। जिसमें से चारों आरोपी मौके से नहीं मिले। 

पुलिस की टीमों ने परिजनों से जानकारी लेकर उन्हें थाने आकर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है। एक साथ कई थानों की फोर्स की रात दो बजे छापेमारी से इलाके के लोग जाग उठे। पुलिस की छापेमारी के कारण कोई चू तक नहीं कर सका। 

इस संबंध में डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह का साफ कहना है, कि अवनीश के गिरोह के सदस्यों को सफीना नोटिस देकर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया लेकिन वह लोग नहीं आए। इसके बाद कार्रवाई शुरू की गई। उनके अनुसार अमन चकेरी थाने से रंगदारी और धमकाने के मामले में दर्ज एफआईआर में वांछित है। वहीं अमन बाजपेई पर चकेरी थाने में 12 मुकदमे दर्ज हैं। दिवस पर भी अलग-अलग थानों में रिपोर्ट दर्ज हैं, जो कि काफी समय से फरार चल रहा है, वहीं कुशाग्र के मुकदमों का पुलिस सीसीटीएनएस से पता लगा रही है। 

अभी अन्य आरोपी भी चल रहे फरार 

नजूल की जमीन पर कब्जा करने के प्रयास में अवनीश के ऊपर कोतवाली में दर्ज दो एफआईआर के बाद कोतवाली थाने में उनके साथियों ने जमकर हंगामा काटा था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि अवनीश के साथी उसके गिरोह और हर अपराध में शामिल है। जिसके बाद पत्रकार राहुल बाजपेई, विवेक पांडेय उर्फ सोनू, अभिनव शुक्ला उर्फ मोंटी व अन्य फरार चल रहे है। जिसमें से पुलिस केवल मनोज यादव को जेल भेज चुकी है। पुलिस अन्य आरोपियों को 29 दिन बाद भी नहीं गिरफ्तार कर सकी है।

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