Avanish Dixit: 18 मुकदमों के आरोपी हरेंद्र मसीह समेत अन्य 50 हजार के इनामिया पकड़ से दूर...अवनीश दीक्षित समेत तीन भेजे जा चुके जेल

नजूल की जमीन पर प्रेसक्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के साथ कब्जे का प्रयास

Avanish Dixit: 18 मुकदमों के आरोपी हरेंद्र मसीह समेत अन्य 50 हजार के इनामिया पकड़ से दूर...अवनीश दीक्षित समेत तीन भेजे जा चुके जेल

कानपुर, अमृत विचार। मैरी एंड मैरीमैन की 1000 करोड़ की बेशकीमती जमीन पर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने अपने साथियों के साथ गार्ड को बंधक बनाकर डीवीआर गायब करते हुए कब्जे का प्रयास किया था। 

मामले में 18 मुकदमों के आरोपी हरेंद्र मसीह समेत अन्य नामजद आरोपी पर फरार होने के बाद पुलिस ने 50-50 हजार का ईनाम घोषित किया था। जिस पर पुलिस ने सपा नेता समेत दो को गिरफ्तार जेल भेजा था। वहीं अन्य फरार इनामियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार तलाश कर रही है। लेकिन एक माह बाद भी मुख्य आरोपी से लेकर नीचे तक के साथी नहीं गिरफ्तार हो सके हैं।    

अवनीश दीक्षित के नाम पॉवर ऑफ अटार्नी करने वाला हरेंद्र मसीह खुद इस जमीन का केयरटेकर था। एक केयरटेकर दूसरे किसी भी व्यक्ति को केयरटेकर नहीं बना सकता है। जांच में सामने आया था कि हरेंद्र मसीह की केयरटेकिंग 2010 में खत्म हो गई थी। जिसके बाद उसे हटा दिया गया था। इस नजूल की जमीन पर 2012 और 2014 में कब्जा करने की कोशिश की गई थी। 

एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने एसआईटी गठित कर जांच शुरू कराई। जिसके बाद अवनीश के कई और साथियो का नाम सामने आ गए। डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि मैरी एंड मेरीमैन स्कूल कंपाउंड में कब्जे के मामले में सैमुएल गुरुदेव सिंह और लेखपाल विपिन कुमार ने दो एफआईआर दर्ज कराई थी।

जिसमें अली अब्बास, विंसेंट विक्रम उर्फ विक्की चार्ल्स, संदीप शुक्ला, अर्पण एरियल, नौरिस एरियल, कमला एरियल, अभिषेक एरियल उर्फ सोनू, हरेंद्र मसीह और जीतेश झा पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। जिसमें से पुलिस संदीप शुक्ला और सपा नेता राहुल वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस की अलग-अलग आठ से ज्यादा टीमें सर्विलांस की मदद से फरार आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी है। 

पर्दे के पीछे के सफेदपोश की तलाश है जारी 

पुलिस का मानना है, कि नजूल की करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश के मामले में अवनीश दीक्षित के अलावा कई और लोग हैं, जो पर्दे के पीछे से खेल में शामिल हैं। इसमें शहर के सफेदपोश, भूमाफिया और कुछ बड़े ठेकेदार हैं। पुलिस इस मामले के जरिये भूमाफियाओं और पत्रकारिता की आड़ में जमीनों का खेल करने वाले कथित पत्रकारों तक पहुंचने की तैयारी कर रही है।

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