प्रयागराज: वैक्यूम पैन शुगर इंडस्ट्रीज के कर्मचारियों के विवाद श्रम न्यायालय के क्षेत्राधिकार में- हाईकोर्ट
प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैक्यूम पैन शुगर फैक्ट्री के कामगारों के विवादों के संबंध में उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत श्रम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को बरकरार रखते हुए कहा कि नियम बनाने वाले अधिकारी विभिन्न वैधानिक अधिनियमों के बीच अंतर्क्रिया के बारे में सचेत थे, इसीलिए कर्मचारियों के विभिन्न वर्गों के लिए अलग-अलग न्यायिक मंचों का निर्माण किया गया और सब की सीमा निर्धारित की गई। विभिन्न वैधानिक अधिनियमों में निहित आशय स्वयं स्थिति का संकेत देते हैं कि विभिन्न अधिनियमों के तहत सेवा शर्तें अलग-अलग तरीके से शासित होंगी।
वैक्यूम पैन शुगर फैक्ट्री के कामगारों की कार्य स्थितियां राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर जारी किए गए स्थायी आदेशों के तहत शासित होती हैं। वैक्यूम पैन शुगर इंडस्ट्रीज के कर्मचारियों के विवाद श्रम न्यायालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आते हैं। कोर्ट ने यह भी माना कि समिति के व्यवसाय से संबंधित विवाद समिति के कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के विवादों से भिन्न है। ऐसी स्थिति में चूंकि सेवा शर्तें स्थायी आदेशों द्वारा शासित होती हैं, इसलिए कामगार विवादों के संबंध में श्रम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। उक्त आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया।
कोर्ट ने माना कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के प्रावधानों के तहत औद्योगिक विवाद किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड के कामगारों की ओर से उठाया जा सकता है, क्योंकि उनकी सेवा शर्तें उत्तर प्रदेश में वैक्यूम पैन शुगर फैक्ट्रीज में कामगारों के रोजगार की स्थिति को कवर करने वाले स्थायी आदेशों के तहत शासित होती हैं।
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