हल्द्वानी: 1 साल में 16.50 फीसदी बढ़ गई बिजली की खपत, जून माह सबसे अधिक खर्च हुई बिजली

हल्द्वानी: 1 साल में 16.50 फीसदी बढ़ गई बिजली की खपत, जून माह सबसे अधिक खर्च हुई बिजली

हल्द्वानी, अमृत विचार। हर साल बढ़ रही गर्मी और उमस ने जिले में बिजली की खपत को भी बढ़ा दिया है। वहीं खपत बढ़ने की वजह से किल्लत भी हो रही है। बिजली की मांग अधिक होने से जिले में लो-वोल्टेज और फॉल्ट की समस्याएं हो रही हैं।

इस साल सबसे अधिक खपत जून माह में देखने को मिली है। इससे पूर्व भी बीते वर्ष जून में ही खपत का आंकड़ा जून में भीषण गर्मी में लगातार एसी कूलर और पंखों के चलने से बढ़ा था। ऊर्जा निगम से मिली जानकारी के अनुसार बीते साल अप्रैल में खपत 82.849 थी।

तो वहीं 2024 अपैल के शुरूआती दिनों में ही बिजली की खपत 90.695 मिलियन यूनिट पहुंच गई। इसके बाद जून तक यह आंकड़ा126.509 एमयू हो गया। इसके बाद जुलाई में आंकड़ों में बदलाव देखने को मिला है। 
वर्तमान में जिले में बीते माह जुलाई में खपत घटकर 107.411 मिलियन यूनिट हो गई है।

दो सालों में जून में सबसे अधिक खपत
जिलेभर में जून के महीने गर्मी चरम पर होने और उमस शुरू होने के कारण खपत सबसे अधिक हुई है जबकि जुलाई में बरसात के बाद आंकड़ों में घटौती देखने को मिली है।

जून में सबसे ज्यादा गुल रही बिजली
जून में खपत बनने के साथ ही जिले में लगातार लो वोल्टेज और तकनीकी समस्या आने के चलते कई बार बिजली जाने की समस्या आई इस दौरान हल्द्वानी जैसे शहर में कई दोनों बिजली जाने की समस्या से उपभोक्ताओं को जूझना पड़ा।

कूलर और एसी भी मई और जून माह में खूब बिके
इस साल इलैक्ट्रानिक उपकरणों की खरीद भी खूब बढ़ी। शुभ इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालक ने बताया कि सीजन में सबसे ज्यादा खरीदारी मई और जून माह में हुई। कहा कि उन दिनों एसी फ्रिज और कूलर देने के लिए वेटिंग भी शुरू करनी पड़ी। जीआरडी इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालक जसमीत सिंह ने बताया बीते साल के मुताबिक खरीद इस बार अनलिमिटेड रही। लो–वोल्टेज की समस्या के चलते स्टेबलाइजर भी खूब बिके ।


जिले में दो सालों में बिजली की खपत मिलियन यूनिट में 
माह                    2023            2024
अप्रैल                  82.549       90.695 
मई                      93.065       120.747
जून                     108.353     126.509
जुलाई                  98.310       107.411


दोनों ही सालों में जून में सबसे अधिक खपत बड़ी है। इस साल की खपत अप्रत्याशित थी। जुलाई में आंकड़ों में कुछ बदलाव आया है कुल मिलाकर बीते वर्ष के बाद आंकड़ों के अनुसार 16.50 फीसदी बढ़ी हुई मिली है।

–नवीन मिश्रा अधीक्षण अभियंता, ऊर्जा निगम।