हल्द्वानी: 7.76 करोड़ से दूर होगी देवखड़ी नाले की समस्या

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। काठगोदाम और हल्द्वानी क्षेत्र में देवखड़ी नाला बड़ी समस्या बन चुका है। नाले में आये उफान की वजह से इस वर्ष जानलेवा हादसा भी हो चुका है। जिलाधिकारी के निर्देश पर सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं ने समस्या का आकलन किया। तय हुआ कि करीब 7.76 करोड़ रुपये की लागत से देवखड़ी नाले में आने वाले मलबे और सिल्ट को कम करने के लिए कार्य किया जाएगा।

 बीती 19 अगस्त को देवखड़ी नाले में आये उफान के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर एक टीम गठित की गई थी। 21 अगस्त को सिंचाई विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग, उत्तराखंड शहरी विकास क्षेत्र एजेंसी के अधिकारियों के अलावा टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स ने वर्षा जल प्रबंधन विशेषज्ञों के साथ क्षेत्र का दौरा किया। संयुक्त निरीक्षण के बाद टीम ने रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया कि गधेरों के स्रोत से अधिक मात्रा में मलबा और बोल्डर निकल रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए गधेरों में चैक डैम और डी-सिल्टिंग सहित अन्य कार्य करने होंगे। इससे नाले और वर्षा प्रबंधन नालियों में सिल्ट और मलबा आने की समस्या कम हो जाएगी। प्रशासन ने इस कार्य के लिए मंजूरी दे दी है।

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने उत्तराखंड शहरी विकास क्षेत्र एजेंसी को इसके लिए प्रस्ताव भेजा है, जिसमें 7.76 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें हल्द्वानी परियोजना के अंतर्गत वर्षा जल प्रबंधन की डीपीआर लागत 5.50 करोड़ और एडीबी परियोजना से 2.76 करोड़ रुपये रखी गई है।

बादल फटने से हुई थी तबाही
बीती 19 अगस्त की रात देवखड़ी नाले के ऊपरी क्षेत्र आमपानी, दुर्गुली बामणी और बरेला आम नाला में बादल फटा था। जिस वजह से गायत्री विहार, कृष्णा विहार समेत अन्य इलाकों में मलबा और पानी भर गया था। कई वाहन मलबे की चपेट में आ गये थे। इससे पूर्व जुलाई माह में देवखड़ी नाले में बहने से एक बाइक सवार की मौत हो गई थी।

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