प्रयागराज : अप्रत्याशित परिस्थितियों से बचाव के लिए सरकारी अधिकारी अपना रहे शुतुरमुर्ग चाल

प्रयागराज : अप्रत्याशित परिस्थितियों से बचाव के लिए सरकारी अधिकारी अपना रहे शुतुरमुर्ग चाल

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पक्षपातपूर्ण और प्रतिशोधात्मक विभागीय कार्यवाही पर एक मामले की सुनवाई के दौरान उप मंडल मजिस्ट्रेट, बिलारी, मुरादाबाद को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था, जिसके अनुपालन में उक्त अधिकारी बुधवार को कोर्ट में उपस्थित हुए, लेकिन उनके पास कहने के लिए कुछ भी नहीं था। उन्होंने केवल इतना बताया कि वह हाल ही में मामले में शामिल हुए हैं।

इस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह सरकारी अधिकारियों द्वारा आने वाले प्रत्येक खतरे के प्रति 'शुतुरमुर्ग प्रतिक्रिया' के रूप में प्रस्तुत की गई एक कमजोर चाल है, चूंकि उप मंडल मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह के पास मौखिक रूप से स्पष्टीकरण देने के लिए कुछ नहीं था, इसलिए उन्हें मामले में दो सप्ताह के भीतर अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का एक और अवसर दिया गया, जो कि जवाबी हलफनामे की प्रकृति में होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकारी द्वारा हलफनामे में दिए गए स्पष्टीकरण के आधार पर कोर्ट यह तय करेगी कि भविष्य की तिथियों पर उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक है या नहीं।

फिलहाल कोर्ट ने उक्त अधिकारी को सुनवाई की अगली तिथि 22 अगस्त 2024 को कोर्ट में उपस्थित होने से छूट दे दी है। इसके अलावा याची के खिलाफ तहसीलदार, बिलारी, मुरादाबाद द्वारा पारित आक्षेपित आदेश और उप मंडल मजिस्ट्रेट, बिलारी द्वारा पारित आदेशों के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी है और याची को बिलारी में काम जारी रखने तथा संबंधित अधिकारियों को नियमित रूप से उसे वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया गया। उक्त आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की एकलपीठ ने तेहर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

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