Chitrakoot: मध्य प्रदेश के सीएम ने तीन दिवसीय कार्यशाला का किया उद्घाटन, बोले- जियोपार्क से तीर्थक्षेत्र के विकास में लगेंगे चार चांद

Chitrakoot: मध्य प्रदेश के सीएम ने तीन दिवसीय कार्यशाला का किया उद्घाटन, बोले- जियोपार्क से तीर्थक्षेत्र के विकास में लगेंगे चार चांद

चित्रकूट (सीतापुर), अमृत विचार। तीर्थक्षेत्र में जियोपार्क की संभावनाएं तलाशने के लिए गुरुवार से उद्यमिता परिसर में तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। मप्र के मुख्यमंत्री डा. मोहन सिंह ने उद्घाटन करते हुए आशा जताई कि जियोपार्क बना तो तीर्थक्षेत्र के विकास में चार चांद लगेंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट में जियोपार्क की स्थापना से न केवल क्षेत्र की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण होगा बल्कि अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। अभय महाजन ने जियोपार्क की उपयोगिता बताई। 

बेन्नो बोअर प्रमुख प्राकृतिक विज्ञान यूनेस्को दिल्ली ने जियोपार्क के वैश्विक महत्व और इसके लाभों पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. सतीश त्रिपाठी ने परियोजना की विशेषताओं और संभावित प्रभावों पर प्रकाश डाला। उत्तम बनर्जी ने इसे क्षेत्रीय विकास के लिए एक आवश्यक कदम बताया। 

डॉ. महेंद्र सिंह पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश, नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभाध्यक्ष मध्य प्रदेश ने भी सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया और सभा ने सर्वसम्मति से चित्रकूट जियोपार्क की स्थापना का प्रस्ताव पारित किया। कार्यक्रम में डॉ. मुकुंद शर्मा, डीएसएन कॉलेज उन्नाव के अनिल साहू ने भाग लिया।

यह भी पढ़ें- चित्रकूट के गांव में लगी अनूठी पाठशाला; लोगों को बताई गई जल की उपयोगिता, पद्मश्री उमाशंकर बोले- अब तो जल ही मांग रहा जीवन

 

ताजा समाचार

रायबरेली : साइकिल की दुकान में लगी आग, लाखों का नुकसान
आज नहीं तो कल आतंकवादियों से मिलने की कोशिश करेंगे राहुल गांधी : संजय निषाद
कानपुरवासियों को मिली आगरा-वाराणसी वंदेभारत की सौगात; सांसद ने दिखाई ट्रेन को हरी झंडी, यहां पढ़ें ट्रेन की खासियत...
Unnao: शोभा यात्रा निकालने के साथ गणेश पंडालों में हुई पूजा-अर्चना, नम आंखों से दी गई गजानन महाराज को विदाई
'…खान, आईजी बोल रहा हूं…' जालसाज ने आईपीएस अधिकारी के नाम पर कॉल कर धमकाया, रिपोर्ट दर्ज
Unnao: तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, प्रशासन कर रहा नजरअंदाज, तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की बढ़ी मुसीबतें