शाहजहांपुर: बारावफात जुलूस के दौरान करंट से एक की मौत, चार झुलसे, पुलिसकर्मियों पर गुस्साए एसपी, कहा- यह कैसे की जा रही ड्यूटी?
ट्रॉली पर लगे डीजे में हाईवोल्टेज तार छूने से फैला था करंट
शाहजहांपुर, बंडा/मकसूदापुर, अमृत विचार। बारावफात का जुलूस निकालते समय ट्रॉली पर लगे डीजे में हाईवोल्टेज का तार छू जाने से ट्रॉली में करंट फैल गया। जिससे तीन युवक और दो किशोर बुरी तरह झुलस गए। जिन्हें बंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां एक युवक को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
जबकि अन्य का बंडा के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। सूचना पर एसपी, एसडीएम, सीओ ने मौके पर पहुंचकर झुलसे हुए लोगों से मिलकर उनका हाल जाना और घटनास्थल का जायजा लिया।
प्रति वर्ष की तरह इस बार भी सोमवार को बारवफात का जुलूस मोहल्ला मुरादपुर से शुरू हुआ और कुंवरपुर रत्ती से होते हुए बंडा कस्बे की तरफ आ रहा था। जहां गांव में ही बने सरकारी स्कूल के सामने जुलूस के पहुंचते ही 11 हजार की हाईवोल्टेज की लाइन के तार ढीले होने के चलते ट्रॉली पर बंधे डीजे से छू गए। जिसके चलते पूरी ट्रॉली में करंट उतर आया।
ट्रॉली में बच्चों सहित 12 लोग सवार थे, जिसमें मोहल्ला मुरादपुर निवासी 45 वर्षीय नजीर ने बच्चों को करंट से बचाने के लिए ट्रॉली से उतारना शुरू कर दिया। जिसके चलते वह खुद करंट से बुरी तरह झुलस गया और वहीं उसके साथ ट्रॉली पर मौजूद 40 वर्षीय छोटेलल्ला और इकबाल का 15 वर्षीय पुत्र कासिम, हबीब का 22 वर्षीय पुत्र अली हसन, समीर का 6 वर्षीय पुत्र महताब भी करंट लगने से बुरी तरह झुलस गए।
घटना से जुलूस में अफरा तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को बंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां नजीर को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया और छोटे लल्ला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
बंडा पुलिस ने मामले की सूचना उच्च अधिकारियों को दी, जिस पर नवागत एसपी राजेश एस, एसडीएम संजय पाण्डेय, सीओ पंकज पंत, विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता जेपी वर्मा और अधिशासी अभियंता संजय कुमार मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया।
इस दौरान एसपी ने बंडा सीएचसी में भर्ती मरीजों से उनका हालचाल पूछा। वहीं पुलिस ने नजीर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। नजीर की मौत पर पत्नी शमशुल निशा, पुत्र वसीम, नईम, जईम, नसीम, पुत्री आशिया बानो का रो-रोकर बुरा हाल है।
पीस कमेटी की बैठक में उठी थी बिजली समस्या
बरावफात के पर्व को देखते हुए थाना प्रभारी ने पीस कमेटी की बैठक में शांति पूर्वक जुलूस निकालने की बात कही थी। वहीं संभ्रांत व्यक्तियों द्वारा बिजली कटौती की बात भी कही गई थी लेकिन जुलूस के दौरान बिजली सप्लाई चलती रही और जुलूस हादसे में बदल गया। वहीं इस संबंध में एसडीओ राजेश सिंह ने बताया कि बिजली कटौती की बारे में किसी ने भी बिजली विभाग को सूचना नहीं दी, यदि सूचना दी जाती तो शायद यह हादसा नहीं होता।
...और लापरवाही ने ले ली जान
मृतक के परिजनों और नगर पंचायत अध्यक्ष मोहम्मद इश्हाक ने विद्युत विभाग के जेई राकेश कुमार और लाइनमैन तरुण यादव पर जानबूझकर विद्युत सप्लाई बंद न करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए जेई विद्युत राकेश कुमार से फोन पर संपर्क किया परंतु उनका फोन स्विच ऑफ रहा। जबकि प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार मौर्य ने बताया कि जुलूस के रूट पर जुलूस के समय हर वर्ष की भांति विद्युत सप्लाई बंद करने की सूचना विद्युत विभाग को जुलूस से पूर्व दे दी गई थी।
बोले एसपी, हादसे के दौरान कहां थी पुलिस?
नवागत एसपी राजेश एस ने बंडा थाने पहुंचकर कई अभिलेखों को चेक किया और पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि जुलूस में हुए इतने बड़े हादसे के दौरान पुलिस कहां थी? यह किस तरीके से ड्यूटी की जा रही है?