चित्रकूट के गांव में लगी अनूठी पाठशाला; लोगों को बताई गई जल की उपयोगिता, पद्मश्री उमाशंकर बोले- अब तो जल ही मांग रहा जीवन

चित्रकूट के गांव में लगी अनूठी पाठशाला; लोगों को बताई गई जल की उपयोगिता, पद्मश्री उमाशंकर बोले- अब तो जल ही मांग रहा जीवन

चित्रकूट, अमृत विचार। गुरुवार को सेमरिया जगन्नाथवासी के पंचायत भवन में पद्मश्री उमाशंकर पांडेय की अगुवाई में अनूठी पाठशाला लगी। इसमें लोगों को पानी की उपयोगिता का पाठ पढ़ाया गया। उमाशंकर ने कहा कि जल ही जीवन है कहने भर से कुछ नही होगा बल्कि जल खुद जीवन मांग रहा है कि मुझे जीवन दो और अपना जीवन सुरक्षित रखो

पांडेय ने बताया कि जल शक्ति विद्यापीठ ने इस दिशा में एक सामुदायिक पहल की है। अधिकांश गांवों में पानी की पाठशालाओं की मांग हो रही है। हमने अपने साथियों से कहा है कि वे इस दिशा में प्रयास करें। पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल ने कहा कि जाग जाइए मौत की नींद सोने से पहले। बिन पानी के मौत की नींद न सोना पड़े। 

जल से बड़ा खजाना कुछ और नहीं है। पूर्व प्रधान दिव्या त्रिपाठी ने कहा कि वह जल संरक्षण के उद्देश्य को पूरा करने के लिए निरंतर काम करेंगी। फिल्म निर्देशक अशोक शरण ने बताया कि अफ्रीका का शहर केपटाउन इसलिए प्रसिद्ध हो गया क्योंकि वहां जल नहीं है। वह दुनिया का पहला निर्जल शहर हो गया। 

बिन पानी संपत्ति काम की नहीं रह जाएगी। जलशक्ति विद्यापीठ के सचिव अंकित कुमार ने बताया कि यह पाठशाला निरंतर प्रदेश और बाद में देश भर मे लगेगी। संतोष त्रिपाठी ने सेमरिया जगन्नाथवासी को अटल भूजल योजना के अंतर्गत लाए जाने की उम्मीद जताई। कार्यक्रम में जल संरक्षण के लिए शपथ ली गई।

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