Kanpur: एससीआर की ओर मुड़ सकता ट्रांसपोर्ट कारोबार, कारोबारी बोले- जहां बहेगी विकास की गंगा, वहीं दौड़ेगा ट्रकों और लोडरों का पहिया

राज्य राजधानी क्षेत्र का सपना दिखाकर सरकार ने दिखा दिया अंगूठा

Kanpur: एससीआर की ओर मुड़ सकता ट्रांसपोर्ट कारोबार, कारोबारी बोले- जहां बहेगी विकास की गंगा, वहीं दौड़ेगा ट्रकों और लोडरों का पहिया

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर को राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) में लाने का सपना दिखाकर अंगूठा दिखाए जाने से शहरवासी नाराज हैं। गाजियाबाद, नोएडा की तर्ज पर विकास की आस लगाए बैठे लोगों को उम्मीद थी कि शहर के एससीआर का हिस्सा बनने पर यहां भी जाम से निजात दिलाने के लिए इनर रिंग रोड, फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड बनेंगी। एयरपोर्ट तक तेज रफ्तार सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी। सिटी ट्रांसपोर्ट की सुविधा अच्छी होगी लेकिन कानपुर को राज्य राजधानी क्षेत्र से बाहर कर दिए जाने के कारण ऐसे प्रोजेक्ट अब जल्दी परवान नहीं चढ़ेंगे, जबकि पड़ोसी जिला उन्नाव एससीआर में शामिल है। 

कानपुर में आउटर रिंग रोड बन रही है पर शहर में जाम की समस्या का समाधान इससे नहीं होगा। शहरी यातायात फर्राटा भरे, इसके लिए बहुत जरूरी है कि इनर रिंग रोड बनाई जाए। पूर्व में इनर रिंग रोड के निर्माण का प्रस्ताव बना था। इसमें जाजमऊ से सर्किट हाउस होते हुए वीआईपी रोड से मकड़ीखेड़ा के रास्ते पनकी- भौंती तक इनर रिंग रोड प्रस्तावित की गई थी। 

इसी तरह सीएसजेएमयू विवि से मकड़ीखेड़ा, गंगा बैराज, मालरोड, घंटाघर होते हुए जरीब चौकी से विजय नगर, दादानगर होते हुए  सीएसजेएमयू तक प्रस्तावित गंगा लिंक एक्सप्रेस वे जो एलिवेटेड बनना था वह भी जाम से निजात दिलाता लेकिन ये दोनों योजनाएं इसलिए डंप हो गईं थीं क्योंकि इनके लिए भारी भरकम बजट चाहिए था। राज्य राजधानी क्षेत्र में शामिल होने के बाद बजट मिलना आसान हो जाता। 

ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुड़े कारोबारियों ने बताया कि एक समय जब शहर अपने विकास के चरम पर था तो यहां  थोक मंडिया और कारोबार फलफूल रहा था। ऐसे में सामान की ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्ट का कारोबार का भी तेजी से विकास हुआ। लेकिन अब शहर के बगल में ही विकास की गंगा बहेगी और शहर उसे देखेगा। ट्रांसपोर्ट व्यापार से जुड़े कारोबारियों ने यह भी आशंका जताई कि एससीआर में बेहतर रोड, रेल और हवाई कनेक्टिविटी बढ़ने से शहर का कारोबार भी उस ओर शिफ्ट हो सकता है। ऐसी स्थिति में माल ढुलाई के लिए शहर में लोकल ट्रांसपोर्ट का कारोबार भी भविष्य में आधा रह जाने की संभावना है। 

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