Unnao: गरीब परिवारों को आवेदन के बाद भी अब तक नहीं मिल सका आवास, मामले में सीडीओ ने कही यह बात...

Unnao: गरीब परिवारों को आवेदन के बाद भी अब तक नहीं मिल सका आवास, मामले में सीडीओ ने कही यह बात...

उन्नाव, अमृत विचार। बारिश में कच्चे मकान गिरने की खबर सुनते हैं तो कलेजा कांप उठता है। गरीब परिवारों के कच्चे मकानों की छतों की दरारें भी गिरने का संकेत देने लगती है। लेकिन उन्हें सिर छिपाने की मजबूरी रहती है। इस बार फिर बारिश शुरू हो चुकी है लेकिन, गरीबों आवेदन के बाद भी पक्के मकान की सिर्फ उम्मीद लगाए बैठे हैं। 

इस बार फिर से बारिश शुरू हो चुकी है। सैकड़ों गरीबों की आवास के लिए सरकारी मदद की आस अबकी बार भी पूरी नहीं हो सकी है। इससे अब उन्हें बारिश का मौसम फिर से डर के साये में बिताना होगा। सरकारी दस्तावेज के अनुसार जिले में हजारों लोगों को बीते वितीय वर्ष तक पीएम आवास योजना ग्रामीण व कस्बे क्षेत्र के तहत रुपया दिया गया है। जिससे ये लोग अपने पक्के मकान बनवा लें। 

विभागीय अफसरों का दावा है कि जांच के बाद केवल पात्र को ही पैसा दिया जाता है। लेकिन प्रधान, सचिव व चेयरमैन से लेकर नगर पंचायत व ब्लॉक तक भ्रष्टाचार के बल पर तमाम अपात्र लाभ लेने में कामयाब हो जाते हैं। जबकि तमाम पात्र अधिकारियों के चक्कर काटते रहते हैं। आवास में अपात्रों के चयन को लेकर तमाम शिकायतें हुईं। लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति कर अधिकारी उन्हें जांच रिपोर्ट में अपात्र दिखा देते हैं। 

बोले सीडीओ… 

सीडीओ प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के पात्रों को आवास दिये जा रहे हैं। इसके लिये अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गए हैं। आवास के पात्रों की जांच कर सूची में नाम शामिल किया जाता है। अगर कोई भी शिकायत हमारे पास आयेगी तो उसे जरूर दिखवाएंगे। 

बिछिया ब्लॉक के रुपऊ गांव निवासी दिव्यांग शुभम पुत्र अवधेश द्विवेदी ने बताया कि उसने आवास का आवेदन कर पक्के मकान का सपना देखा था। लेकिन आवास आज तक नहीं मिल सका। 

हसनगंज ब्लॉक क्षेत्र के जिन्दासपुर गांव निवासी दिव्यांग देवदत्त पुत्र छोटेलाल तिवारी ने बताया कि आवास के लिये पांच साल से ब्लॉक अफसरों के चक्कर लगा रहा हूं। लेकिन आज तक आवास नहीं मिला। 

नवाबगंज कस्बा क्षेत्र के गांव पछियांव निवासी गुरुचरण पुत्र सुंदर साहू ने बताया कि उसने आवास के लिए आवेदन किया था। आवास न मिलने से तिरपाल डालकर रहने को मजबूर है। 

पुरवा कस्बे के मोहल्ला वजीरगंज निवासी शबनम पत्नी फ़रीद ने बताया कि उसने आवास के लिए नगर पंचायत से लेकर जिले तक कई बार शिकायत की। लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई।

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