हल्द्वानी: जब Selected और Elected के बीच हुई जुबानी भिड़ंत, सांसद को कहना पड़ा जिले में यह क्या चल रहा है?

हल्द्वानी: जब Selected और Elected के बीच हुई जुबानी भिड़ंत, सांसद को कहना पड़ा जिले में यह क्या चल रहा है?

हल्द्वानी, अमृत विचार। आपदा राहत कार्यों को लेकर नैनीताल डीएम वंदना सिंह व लालकुआं विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट की सांसद अजय भट्ट के सामने ही भिड़ंत हो गई और दोनों में जमकर कहासुनी हुई। बाद में सांसद भट्ट ने बीच में पड़कर दोनों को शांत करवाया। फिलहाल डीएम और विधायक का टकराव दिनभर सुर्खियों में रहा।

शुक्रवार को सांसद अजय भट्ट की अध्यक्षता में काठगोदाम सर्किट हाउस में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक हुई। इसमें नैनीताल डीएम वंदना सिंह और लालकुआं विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट भी पहुंचे थे। बैठक में गौला और कैलास नदी में चैनलाइजेशन का मुद्दा उठा।

वन अधिकारी ने कहा कि डीएम के निर्देशानुसार यह काम सिंचाई विभाग को सौंपा गया है। इस पर विधायक बिफर गए। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएम ने जबरन चैनलाइजेशन वन विभाग को नहीं देकर सिंचाई को दिया है, जिस वजह से लापरवाही हो रही है। इस पर डीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि उनकी ओर से इसका जिम्मा व बजट वन विभाग को दिया गया था, लेकिन जंगलात ने यह काम सिंचाई विभाग को दिया है।

साथ ही तंज कसते हुए कहा कि यदि विधायक को आपत्ति है तो जिस विभाग से चाहते हैं उससे काम करा लिया जाएगा। उन्होंने आरोपों का खंडन करते हुए तराई पूर्वी वन डिवीजन के डीएफओ हिमांशु बागरी से हुई चैटिंग भी दिखाई। जिसमें डीएफओ ने खुद ही उक्त काम सिंचाई विभाग को आवंटित करने की बात कही। इसको लेकर दोनों में काफी देर तक बहस हुई। बाद में सांसद भट्ट बीच में पड़े और सिंचाई विभाग को काम करने के निर्देश दिए, हालांकि उन्होंने कहा कि यह जिले में क्या चल रहा है।  


सरकारी विभागों में तालमेल नहीं होने से सुरक्षा कार्य नहीं हो रहे हैं। सरकार की ओर से बजट की कमी नहीं है। सीएम धामी ने 10-10 करोड़ हर जिले को दिए हैं। हमारी मांग है कि बाढ़ सुरक्षा में कोताही नहीं बरती जाए, लेकिन काम नहीं हो रहा है। चैनलाइजेशन होना है, लेकिन आज तक कार्य शुरू नहीं हुआ है। उम्मीद है कि शनिवार से कार्य शुरू होगा। यदि नहीं हुआ तो खुद के खर्चे से कार्य शुरू करुंगा।
- डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, विधायक लालकुआं 


छिटपुट बातें होती रहती हैं, मिस अंडरस्टैंडिंग से परिवार में यह होता है। जनप्रतिनिधि और अधिकारियों का मकसद जनता को सुविधाएं देना है। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक इसीलिए की जाती है कि समन्वय बन सके। जो अफसर गलत सूचनाएं दे रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। छोटी-छोटी गलतफहमियां हो जाती हैं, यह कोई खास बात नहीं है।
- अजय भट्ट, सांसद नैनीताल