पीलीभीत: सावन माह में भोले के भक्तों को दर्द देगीं टूटी-फूटी सड़कें, टाइगर तिराहा से गौरीशंकर मंदिर तक गड्ढे ही गड्ढे

पीलीभीत: सावन माह में भोले के भक्तों को दर्द देगीं टूटी-फूटी सड़कें, टाइगर तिराहा से गौरीशंकर मंदिर तक गड्ढे ही गड्ढे

पीलीभीत, अमृत विचार। भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास शुरू होने में सप्ताह भर बाकी है। इसके साथ ही कांवड़ियों के जत्थों के निकलने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। मगर, सावन में कांवड़ियों की राह सुगम करने के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। ऐसे में नेशनल हाईवे से लेकर शिव मंदिरों तक जाने वाली सड़कों में बने गड्ढे, उखड़ी पड़ीं बजरी शिवभक्तों की राह मुश्किल करेंगे। मजबूरन कांवड़ियों को इन बदहाल सड़कों से ही गुजरना पड़ेगा।

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21 जुलाई को पूर्णिमा के अगले दिन 22 जुलाई से जनपद भर के अधिकांश कावंड़िए कछला से कांवड़ में गंगा जल लेकर आते हैं और अपने निकट के मंदिरों में भगवान शिव का सोमवार सुबह जलाभिषेक करते हैं। पूरे महीने कांवड़ियों के जत्थे बम-बम भोले का उद्घोष और डीजे पर थिरकते हुए शिव मंदिरों तक अपनी मंजिल तय करते हैं। शहर समेत आसपास क्षेत्र से हजारों की संख्या में कांवड़िए पूरे महीने गंगाजल लाकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं।

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जर्जर मार्गों पर होगी भोले भक्तों की परीक्षा
कछला से गंगाजल लेकर आने वाले शहर समेत आसपास क्षेत्र के कांवड़िए वापसी में शहर के टाइगर तिराहा से प्रवेश करते हैं। यहां से कावड़िए ईदगाह रेलवे क्रॉसिंग, रोडवेज बस स्टैंड, लकड़ी मंडी, जेपी रोड, चौक से होते हुए नई तहसील के समीप से आयुर्वेदिक कॉलेज रोड होते हुए प्राचीन गौरी शंकर मंदिर पहुंचते हैं। टाइगर तिराहे से ईदगाह तक तो रास्ता ठीक-ठाक है, लेकिन रेलवे क्रॉसिंग के समीप उधड़ी पड़ी बजरी और रेलवे ट्रैक की उखड़ी पेवर ब्लॉक कांवड़ियों को दर्द दे सकती हैं।

इस रूट पर रोडवेज बस स्टैंड से लेकर बरेली गेट तक करीब 400 मीटर के दायरे में कई बड़े गड्ढे हैं। सबसे ज्यादा बुरे हालात रोडवेज बस स्टैंड के सामने है। यहां कुछ हिस्से में सड़क ही गायब हो चुकी हैं। लकड़ी मंडी में भी दो स्थानों पर सड़क पर गड्ढे हैं। बरेली गेट के समीप भी सड़क कई जगह से टूटी फूटी है। जेपी रोड पर रामस्वरूप पार्क के समीप भी सड़क टूटी फूटी है।

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आयुर्वेदिक कॉलेज से गौरीशंकर मंदिर जाने वाले मार्ग की हालत तो और भी दयनीय है। यहां आयुर्वेदिक कॉलेज के गेट से कुछ दूर आगे बढ़ते ही गड्ढों का सिलसिला शुरू हो जाता है जो सत्यनारायण मंदिर तक जारी रहता है। यहां सड़क के किनारे भी टूटे-फूटे होने के साथ कई जगह जलभराव है। कांवड़ यात्रा में ये गड्ढे ही शिवभक्तों की परेशानी का सबब बनेंगे।

बदहाल एप्रोच सड़कें भी बनेंगी कांवड़ियों के लिए मुसीबत
मंडी समिति परिसर में ठहरने वाले अन्य कांवड़िए टाइगर तिराहा से असम चौराहा होते हुए मंडी समिति परिसर में पहुंचते हैं। यहां रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन सुबह नौगवा चौराहा होते हुए दूधियानाथ मंदिर समेत शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हुए गौरीशंकर मंदिर पहुंचते हैं। इन कांवड़ियों को इस बार सबसे दुर्गम रास्ते से होकर गुजरना पड़ेगा। टाइगर तिराहा से लेकर असम चौराहे तक कई स्थानों पर गड्ढे हैं, वहीं जहां-जहां पत्थर भी उखड़े पड़े हैं। मंडी रोड पर नौगवां ओवरब्रिज की एप्रोच रोड  इन दिनों काफी खस्ता हाल है।

ओवरब्रिज की शुरुआत से लेकर अंडरपास तक सड़क जगह-जगह तालाब में तब्दील हो चुकी है और जहां जलभराव है। वहां सड़क बुरी तरह टूट फूट चुकी है। करीब तीन माह पूर्व इस एप्रोच रोड को बनाने का काम शुरू किया गया था, लेकिन लेटलतीफी के चलते आज तक नहीं बन सकी। खास बात यह है कि अब बारिश थम चुकी है। सावन मास भी करीब आ रहा है, इसके बावजूद अभी तक जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं गया है।

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