मछुआ समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मत्स्य विभाग ने चलाई यह योजना, 21 जुलाई तक करें ऑनलाइन आवेदन

मछुआ समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मत्स्य विभाग ने चलाई यह योजना, 21 जुलाई तक करें ऑनलाइन आवेदन

बाराबंकी, अमृत विचार। मछुआ समुदाय के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त और मजबूत बनाने के साथ उनके जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से मत्स्य विभाग की ओर से एक नई  पहल की गई है। उनके विकास के दृष्टिगत प्रदेश सरकार की ओर से निषादराज बोट सब्सिडी योजना शुरु की है, जिसके तहत पात्र आवेदकों को नाव खरीदने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। नाव के कुल मूल्य में से 40 प्रतिशत की धनराशि अनुदान के रूप में मिलेगी।

योगी सरकार ने मछुआरों को बढ़ावा देने के लिए जो योजना प्रारंभ की है उसके तहत प्रत्येक पात्र आवेदक को नाव खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किया जाना है। ऐसे मछुआरे जिनके पास पट्टे अथवा निजी तालाब उपलब्ध हैं, वह ही योजना के तहत पात्र माने जाएंगे। ऐसे में एक एकड़ के तालाब के मानक को पूरा करने वाले मछुआरे ही मत्स्य विभाग में आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। 

मत्स्य विभाग द्वारा इस योजना के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक पात्रों को योजना का लाभ मिल सके। योजना के तहत 73,700 रुपये अधिकतम सीमा की लकड़ी अथवा फाइबर रेनफोर्सड प्लॉस्टिक बोट खरीदने पर अधिकतम 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। यहीं नहीं नाव के अलावा लाइफ जैकेट, जाल और आइस बॉक्स आदि पर भी 40 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। 

योजना का लाभ लेने के लिए 21 जुलाई तक ही विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस संबंध में सहायक मत्स्य पालन अभिकरण गणेश प्रसाद ने बताया कि मछुआरों के विकास के दृष्टिगत निषादराज बोट सब्सिडी योजना प्रारंभ की गई है। लगातार आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। निषाद समाज के अन्य इच्छुक लोग भी योजना का लाभ उठाएं।

आवेदन में लगेंगे यह कागजात

योजना का लाभ लेने के लिए कुछ कागजात की जरूरत पड़ेगी। निषादराज नाव सब्सिडी योजना के तहत आवेदन करते समय फोटो, आधार कार्ड की छायाप्रति, बैंक पासबुक की छायाप्रति, भूमि संबंधित अभिलेख, शपथ पत्र, मत्स्य समृद्धि फार्म, जाति प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस आदि नियमानुसार अपलोड करना होगा।