लखीमपुर खीरी: बाढ़ पर भारी मांगलिक कार्यक्रम, नाव पर बारात ला रहे दूल्हे राजा

लखीमपुर खीरी: बाढ़ पर भारी मांगलिक कार्यक्रम, नाव पर बारात ला रहे दूल्हे राजा

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। बाढ़ प्रभावित इलाकों में मांगलिक कार्यक्रमों की धूम है, बाढ़ को नजरअंदाज कर नावों से बारातें जा रही हैं और विदाई भी हो रही है। संपूर्णानगर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत परसपुर के अलग अलग गांव से दो बारातें गईं। पहली बारात गांव परसपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार की पलिया के गांव नगला जाने को तैयार हुई तो परसपुर-महंगापुर के बीच मिर्चिया नदी के रपटा पुल के ऊपर पानी चलने से रास्त बंद था। नाव से पार कर बारात पहुंची और फेरे हुए। हालांकि तेज बारिश के कारण वर-वधू विदाई के बाद भी नहीं जा सके। जब पानी कम हुआ तो अगले दिन विदाई हुई। 

इसी तरह मजरा गांव के मुकेश पुत्र बाबूराम की बारात पलिया के गांव पटिहन के लिए नाव से मिर्चिया पुल पार कर पहुंची। विवाह के बाद नाव से ही नवदंपति वापस लौटे। दोनों ही शादियां चर्चा का केन्द्र रहीं। गुरुवार को निघासन की बैलहा ग्राम पंचायत के जीतपुरवा निवासी संतोष कुमार के छोटे पुत्र दुर्गेश (20) की बारात धौरहरा तहसील क्षेत्र के नैनापुर परौरी रवाना हुई। सुबह गाड़ी के बजाय बाराती व लड़के पक्ष के लोग नाव की तैयारियों में जुट गए। नाव की व्यवस्था करने के बाद बाराती नाव पर सवार हुए और दुल्हन को विदा कराने के लिए निकले। इधर लुधौरी पंचायत के पुरैना गांव में भी बाढ़ की वजह से नाव पर बैठकर बारात ले जाना पड़ा। तोताराम चौहान के बेटे सन्नी चौहान की शादी त्रिलोकपुर नौगवां से आरती के साथ तय हुई थी। दूल्हे राजा गांव से ही नाव पर बैठकर बारात को साथ लेकर रवाना हुए। इन दोनों अनोखी शादियों को देखने के लिए काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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