Exclusive: उन्नाव में निर्धन बच्चों को शिक्षित करने का इस युवक ने उठाया बीड़ा...8 वर्षों से कर रहा मदद, जानें- कौन है जय सिंह

Exclusive: उन्नाव में निर्धन बच्चों को शिक्षित करने का इस युवक ने उठाया बीड़ा...8 वर्षों से कर रहा मदद, जानें- कौन है जय सिंह

उन्नाव, अमन सक्सेना (शुक्लागंज)। आज देश के पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन भारत में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर देशभर में शिक्षकों की भूमिका और उनके योगदान को सराहा जाएगा। इसी कंटेक्स्ट में, शुक्लागंज के सीताराम कॉलोनी निवासी युवा समाजसेवी, शिक्षक और भाजपा नगर महामंत्री जय सिंह कुशवाहा की कहानी अत्यंत प्रेरणादायक है। 

जय सिंह कुशवाहा, जिन्होंने बीकॉम और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की है, उन्होंने कोचिंग पढ़ाने के बाद समाज सेवा के क्षेत्र में कदम रखा। गंगा तट के किनारे स्थित मलिन बस्तियों में बच्चों को देख कर उनकी हालत से प्रभावित होकर उन्होंने ‘जय हो फ्रेंडस फाउंडेशन’ की स्थापना की। इस फाउंडेशन के माध्यम से उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा दी और कई बच्चों को एक उज्ज्वल भविष्य की राह पर प्रेरित किया। 

जय सिंह कुशवाहा ने समाज सेवा की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने स्थानीय बच्चों को शिक्षा देने के लिए नमामि गंगे पार्क में एक शिक्षा केंद्र स्थापित किया है, जहां वर्तमान में 150 से अधिक बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है। उनके प्रयासों से बच्चों को न केवल शिक्षा मिल रही है, बल्कि उन्हें संस्कारित भी किया जा रहा है। वे बच्चों को स्कूल के जरूरी सामान जैसे कॉपी, किताब, पेन और पेंसिल प्रदान करते हैं। 

इसके अलावा उन्होंने कई बच्चों का दाखिला परिषदीय विद्यालयों में भी करवाया है, जिससे उन्हें सरकारी शिक्षा व्यवस्था का लाभ मिल सके। उनके अथक प्रयास और सच्ची निष्ठा ने उन्हें समाज में एक प्रेरणास्त्रोत बना दिया है। उनके काम की सराहना करते हुए, यह कहा जा सकता है कि वे न केवल शिक्षा बल्कि समाज के हर तबके की सेवा करने में विश्वास रखते हैं। 

आज, जब शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है, जय सिंह कुशवाहा जैसे शिक्षक और समाजसेवी की कड़ी मेहनत और उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करना आवश्यक है। उनकी मेहनत और समर्पण निश्चित रूप से समाज में बदलाव लाने में सहायक साबित हो रहे हैं।

आठ सालों से मलिन बस्ती में रहने वाले बच्चों को कर रहे शिक्षित

जय सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 में निर्धन बच्चों को शिक्षा देने के लिये वह उनके अभिभावकों से मिले और उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक किया। जिसके बाद से कारवां यूंही आगे बढ़ता चला जा रहा है और वह बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं।

बच्चों की कराई जाती है प्रतियोगिता

जय सिंह ने बताया कि बच्चों की बौद्धिक विकास के लिये समय-समय पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, रंगोली, निबंध, जागरूकता रैली, समर कैंप, पर्यावरण संरक्षण, योग कराने के साथ ही तमाम प्रकार की प्रतियोगिताएं भी कराते हैं। जिसके बाद बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिये उन्हें सम्मानित भी करते हैं।

महिला लेखपाल की भी भूमिका सराहनीय

नगर के भातू फार्म निवासी रचना सविता लेखपाल हैं, वह वर्तमान समय में गोरखपुर में कार्यरत हैं। वह भी इस फाउंडेशन को आगे बढ़ाने के लिये कंधे से कंधा मिलकर चल रही हैं। इतना ही फाउंडेशन का बराबर सहयोग करते हुये छुट्टी वाले दिन बच्चों को खुद पढ़ाती हैं। वहीं अन्य सदस्य भी फाउंडेशन का सहयोग कर रहे हैं।

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