लखीमपुर खीरी: नहीं बनी बात, अक्रोशित किसानों ने आवास विकास के खिलाफ खोला मोर्चा

बारिश में भीगते कलक्ट्रेट गेट पर पहुंचे सैकड़ों किसान, जाम लगाकर की नारेबाजी 

लखीमपुर खीरी: नहीं बनी बात, अक्रोशित किसानों ने आवास विकास के खिलाफ खोला मोर्चा

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। आवास विकास परिषद द्वारा अधिग्रहित की गई 317 एकड़ कृषि योग्य जमीन को वापस न किए जाने के विरोध में राजापुर के सैकड़ों किसानों ने अब आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है। शनिवार को बारिश में भीगते हुए बड़ी संख्या में किसानों ने शहर की प्रमुख सड़कों पर जुलूस निकाला और कलक्ट्रेट गेट जाम कर जमकर प्रदर्शन किया। 

करीब पौन घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद सभी लोग डीएम कार्यालय के सामने पहुंचे और धरने पर बैठ गए हैं। किसानों का कहना है कि अब आरपार की लड़ाई होगी। जब तक उनकी भूमि का अधिग्रहण निरस्त नहीं हो जाता है। वह धरने से नहीं उठेंगे। वहीं, कलक्ट्रेट में धरने के दौरान एक किसान की तबियत बिगड़ गई। मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने राजापुर और पिपरिया गांव के 200 से ज्यादा किसानों की करीब 317 एकड़ कृषि योग्य उपजाऊ भूमि को आवासीय कॉलोनी बनाने के लिए अधिग्रहण किए जाने के लिए वर्ष 2010 में नोटिफिकेशन किया था। उसी के बाद से ही किसान इसका लगातार विरोध कर रहे हैं। अपनी कृषि योग्य भूमि का जबरदस्ती अधिग्रहण किए जाने से नाराज किसान भूमि को वापस दिलाने की मांग को लेकर 21 जून को कलक्ट्रेट के निकट पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। 

इससे पूरे दिन प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे। सीडीओ ने चार दिन के भीतर समस्या का निस्तारण कराने का आश्वासन दिया था। 28 जून को आवास विकास परिषद की एक टीम उप आयुक्त हिमांशु गुप्ता, अधीक्षण अभियंता एके मित्तल और अधिशासी अभियंता उमानाथ शुक्ल की अगुवाई में लखीमपुर पहुंची थी। 

परिषद के अधिकारियों ने कलक्ट्रेट सभागार में सीडीओ अनिल सिंह, एसडीएम सदर अश्विनी कुमार आदि की मौजूदगी में उन किसानों की बात सुनी, जो अधिग्रहण की कार्रवाई की जद में आ रहे हैं। इसमें किसानों ने जमीन देने पर असहमति जताई। टीम के मांगे जाने पर 286 किसानों ने टीम को आपत्तियां दी थीं। इसके बाद भी नतीजा सिफर रहा। 

इससे आक्रोशित बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ किसानों ने बारिश के बीच विरोध जुलूस निकाला। सौजन्या चौराहा, गुरुगोविंद सिंह चौक, नई बस्ती चौराहा होते हुए किसान कलक्ट्रेट चौराहा जाम कर दिया और करीब पौन घंटे तक नारेबाजी की। इसके बाद प्रभारी निरीक्षक अंबर सिंह के कहने पर किसान डीएम कार्यालय के सामने पहुंचे और धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अब वह तभी हटेंगे जब उनकी जमीन का अधिग्रहण निरस्त होगा, वरना वह अपनी जान दे देंगे।

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