Moradabad News : एमडीए की महायोजना-2031 पर शासन की मुहर, विकास को लगेंगे पंख...निवेश भी बढ़ेगा 

Moradabad News : एमडीए की महायोजना-2031 पर शासन की मुहर, विकास को लगेंगे पंख...निवेश भी बढ़ेगा 

मुरादाबाद, अमृत विचार। तीन साल के लंबे इंतजार के बाद सोमवार को शासन ने मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की महायोजना-2031 पर अपनी मुहर लगा दी। मास्टर प्लान पास होने के बाद जनपद में चौतरफा विकास के रास्ते खुल गए हैं। इतना ही नहीं महायोजना पास होने के बाद जनपद में निवेश भी बढ़ेगा। लगभग 18 हजार करोड़ से जनपद का विकास होगा।

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा हर 10 साल बाद जनपद के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाता है। जिसके तहत इस बार महायोजना-2031 तैयार की गई थी। जिसमें जनपद में कई विकास कार्यों को शामिल किया गया। पिछली महायोजना-2021 के समाप्त होने से पहले ही अगले 10 साल के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान-2031 बन जाना चाहिए था। लगभग तीन साल पहले महायोजना तैयार करने की शुरूआत की गई थी, लेकिन इस बीच प्रक्रिया के बीच में कोरोना महामारी और अन्य मामलों के चलते यह बाधित रही। जिसके बाद महायोजना-2031 पास कराने के लिए एमडीए अधिकारियों ने एक साल पहले शासन को भेज दी थी। लेकिन यह महायोजना तकनीकी समिति से पास होने के बाद लगभग छह माह से अटकी हुई थी।

 कुछ दिन पहले ही शासन के एक उच्चाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वीसी शैलेष कुमार को महायोजना के मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुति देने के लिए तैयार रहने को कहा था। जिसके बाद एमडीए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने मुख्यमंत्री के समक्ष महायोजना को पेश किया। सोमवार को शासन ने महायोजन-2031 पर अपनी मुहर लगा दी।

एमडीए कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने बताया कि मुरादाबाद मास्टर प्लान को शासन की स्वीकृति प्राप्त हो गई। जिसमें आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन रमेश गोकर्ण के एक जुलाई के शासनादेश द्वारा प्राधिकरण को इस आशय की सूचना प्रेषित की गई है। इसी के साथ लगभग चार वर्षों से अधिक समय से प्रचलित मैराथन प्रक्रिया का पटाक्षेप हो गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 से स्थलीय जीआइएस सर्वे का कार्य प्रारंभ होने के बाद प्रथम ड्राफ्ट जनवरी-2022 में प्रकाशित किया गया था। ड्राफ्ट बनने की प्रक्रिया में विभिन्न हितधारकों, निर्यातकों, उद्यमियों, शिक्षाविदों, जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न शासकीय विभागों के साथ प्राधिकरण द्वारा अनगिनत बैठकों का आयोजन किया गया। 

मार्च-जून 2022 के समय जनसामान्य से आपत्ति सुझाव मांगे गए, जिनका निस्तारण करने के बाद नवंबर 2022 में प्राधिकरण बोर्ड द्वारा महायोजना का अंतिम ड्राफ्ट अनुमोदित किया गया। जनवरी 2023 व फरवरी 2024 में शासन स्तर पर दो बार उन्होंने मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण शासकीय समिति को किया। शासकीय समिति के तकनीकी सुझावों का समायोजन करते हुए प्राधिकरण बोर्ड द्वारा महायोजना को मार्च 2024 में स्वीकृति के लिए भेजा गया था। आम चुनावों के कारण मुख्यमंत्री के समक्ष महायोजना का प्रस्तुतीकरण जून 2024 में हुआ, जिस पर हरी झंडी मिलने के बाद शासन द्वारा अब स्वीकृति जारी की है। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की स्थापना 1981 में हुई थी, जबकि 1995 में नगर निगम क्षेत्र घोषित किया गया। पहली महायोजना 1985 में लागू हुई थी जो 2001 तक प्रभावी थी, जबकि 2013 में दूसरी महायोजना-2021 लागू हुई जो वर्तमान तक प्रभावी थी। 


530 वर्ग किमी हुआ प्राधिकरण का दायरा
एमडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि प्राधिकरण के मूल विकास क्षेत्र में नगर निगम एरिया सहित कुल 180 राजस्व ग्राम सम्मिलित थे तथा विकास क्षेत्र लगभग 383 वर्ग किमी में फैला हुआ था। हाल ही में शासन द्वारा प्राधिकरण क्षेत्र में 71 नये गांवों को जोड़े जाने की मंजूरी दी गई है। इससे प्राधिकरण का विकास क्षेत्र बढ़कर लगभग 530 वर्ग किमी हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद मास्टर प्लान-2031 में विकास क्षेत्र की कुल जनसंख्या 16.66 लाख अनुमानित की गई है। महायोजना में लगभग 16,416 हेक्टेयर नगरीकृत क्षेत्र चिह्नांकित किया गया है, जिसमें लगभग 37 प्रतिशत क्षेत्र आवासीय, 15 प्रतिशत से अधिक औद्योगिक, लगभग 17 प्रतिशत हरित पट्टी, हरित क्षेत्र, पार्क, यातायात व परिवहन के लिए लगभग 12.5 प्रतिशत, 6.6 प्रतिशत सामुदायिक सुविधाओं हेतु तथा लगभग 3 प्रतिशत क्षेत्र व्यवसायिक रखा गया है।


निवेश वृद्धि के साथ मिलेंगे रोजगार के नए अवसर
मुरादाबाद, अमृत विचार: मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने बताया कि नया मास्टर प्लान शहर में निवेश में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा। उन्होंने मास्टर प्लान निर्माण की प्रक्रिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शहर के जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों, निर्यातकों, आर्किटेक्टों, अधिवक्ताओं, मीडियाकर्मियों, आमजन व समस्त सरकारी विभागों को धन्यवाद दिया है। उपाध्यक्ष द्वारा मास्टर प्लान को जनहित में दिशा देने के लिए विशेष रूप से मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह का धन्यवाद किया गया। उनके नेतृत्व में प्राधिकरण बोर्ड द्वारा व्यापक विचार विमर्श व चर्चाओं के बाद मास्टर प्लान का जो अनुमोदन किया उसे शासन स्तर पर भी सराहा गया। उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान -2031 को मुरादाबाद विजन प्लान (सिटी डेवलपमेंट प्लान-2051) के साथ एकरूपता स्थापित करते हुए बनाया गया है। मास्टर प्लान की प्रति आमजन के अवलोकनार्थ प्राधिकरण कार्यालय, प्राधिकरण की वेबसाइट व समाचार विज्ञप्ति के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है।


महायोजना में यह रहेगी प्रमुख विशेषताएं
- 60 मीटर चौड़ा एनएचएआई रिंग रोड- दिल्ली रोड, कांठ रोड, रामपुर रोड को जोड़ेगा।
- एसईजेड को नगर के इंडस्ट्रियल हब से जोड़ने के लिए 36 मीटर चौड़ी मास्टर प्लान रोड व इंडस्ट्रियल कॉरिडोर।
- आर्टिज़न विलेज/ हस्तशिल्प ग्राम
- मेगा एमएसएमई क्लस्टर का प्रस्ताव
- नॉलेज सिटी तथा मेडीसिटी की व्यवस्था
- रामगंगा के किनारे ईको टूरिज्म व नेचर पार्क
- नदियों के किनारे रिवरफ्रंट
- औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए कौशल विकास केंद्र
- औद्योगिक व लॉजिस्टिक पार्कों की व्यवस्था
- नगर में तीन स्थानों (संभल रोड, रामपुर रोड व निर्माणाधीन बाईपास रोड) पर ट्रक/बस टर्मिनल की व्यवस्था
- आवासीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु मेगा टाउनशिप की परियोजना
- स्पोर्ट्स सिटी, आयुष पार्क व शुगरकैन प्रोसेसिंग क्लस्टर
- ऑडिटोरियम व कन्वेंशन सेंटर के प्रस्ताव
- महायोजना मार्गों का विकास
- लगभग 18 हजार करोड़ की 45 परियोजनाओं पर होगा अगले 10 वर्षों में कार्य
- मुख्य मार्गों पर आवासीय क्षेत्रों में बाजार स्ट्रीट का प्रावधान
- दिल्ली रोड पर व्यावसायिक हब की प्लानिंग
- कांठ रोड, बरेली-दिल्ली बाइपास, रामपुर रोड सहित मौजूदा ट्रेंड के आधार पर औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि
- नदियों व मुख्य मार्गों के किनारे ग्रीन बेल्ट से संरक्षण
- मछली मंडी व पशु मंडी को शहर के बाहर ले जाने के लिए व्यवस्था