लखनऊः तैराकी, बैडमिंटन और वॉलीबाल कोच का तबादला, इन खेलों के नहीं अब एक भी कोच

लखनऊः तैराकी, बैडमिंटन और वॉलीबाल कोच का तबादला,  इन खेलों के नहीं अब एक भी कोच

लखनऊ, अमृत विचार: खेल का एपी सेंटर कहे जाने वाले राजधानी लखनऊ में तीन कोच का तबादला हो गया। जिसकी वजह से यहां पर खेल बिगड़ गया है। तबादले की वजह से जहां बैडमिंटन का एक भी प्रशिक्षक लखनऊ में नहीं बचा। वहीं एक महिला अधिकारी के तबादले से केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मौजूद महिला छात्रावास में महिला वार्डन का पद भी खाली हो गया। इसकी वजह से एक नहीं दो पद खाली हो गए है। जहां एक कोच का तो दूसरा छात्रावास के वार्डन का। शबर में सबसे बड़ा खेल तो तैराकी के साथ हुआ। पिछले चार वर्षों से यहां पर तरणताल का संचालन बंद था, तब यहां पर तैराकी प्रशिक्षक आनंद श्रीवास्तव की तैनाती थी। जब 18 करोड़ खर्च कर तरणताल चलने लायक हुआ तो आनंद श्रीवास्तव को स्पोर्ट्स ऑफिसर पद पर प्रमोट कर बहराइच भेज दिया गया। इस मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है जल्द ही ये मुद्दे खेल निदेशक के सामने रखे जायेंगे।

राजधानी में तीन विभागीय प्रशिक्षकों के स्थानान्तरण से खिलाड़ियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राजधानी में मौजूद चारों स्टेडियमों चौक, केडी सिंह बाबू, गोमती नगर स्थित विनय खंड और विजयंत खंड स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट मौजूद हैं। लेकिन इन कोर्ट पर अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए अब एक भी प्रशिक्षक तैनात नहीं है। एक मात्र विभागीय प्रशिक्षक मनीष गुप्ता का तबादला यहां से इलाहाबाद कर दिया गया है। वह यहां पर लंबे समय से छुट्टी पर भी चल रहे थे। प्रशिक्षक न होने की दशा में क्षेत्रीय खेल कार्यालय ने सेवानिवृत्त प्रशिक्षक को खिलाड़ियों के प्रशिक्षण लिए बाबू स्टेडियम में रखा है।

कुछ ऐसा ही हाल बाबू स्टेडियम में मौजूद तरणताल का है। यहां पर तैनात प्रशिक्षक आनंद श्रीवास्तव का भी तबादला कर दिया गया है। अब यहां पर मात्र दो लाइफ सेवर मौजूद हैं, जिनके भरोसे बाल तरणताल और ओलंपिक साइज तरणताल होगा। खिलाड़ियों के अनुसार तकरीबन 18 करोड़ की लागत से तैया किए तरणताल में कुछ दिन पूर्व ही तैराकी की शुरुआत हुई है। तैराकी शुरू होते ही यहां से प्रशिक्षक को हटा दिया गया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार तैराकी प्रशिक्षक कंचन इलाहाबाद में तैनात है जबकि इस समय वहां पर कोई पूल नहीं मौजूद है। तैराकी प्रशिक्षक कंचन को यहां पर तैनात किए जाने से खिलाड़ियों का प्रशिक्षण प्रभावित नहीं होता। लेकिन आपसी खींचतान के चलते उन्हें यहां नहीं तैनात किया गया।

छात्रावास की को लेगा जिम्मेदार
वॉलीबाल प्रशिक्षक साधना सिंह का स्थानांतरण तो क्षेत्रीय खेल कार्यालय के लिये सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है। केडी सिंह बाबू स्टेडियम में वॉलीबाल छात्रावास की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने के साथ ही यहां पर बालिका छात्रावास की हॉस्टल वार्डन भी थी। बाबू स्टेडियम में तैराकी, एथलेटिक्स, हॉकी और वॉलीबाल का महिला छात्रावास मौजूद हैं। ऐसे में छात्रावास में रहने वाली लड़कियों की जिम्मेदारी किसकी होगी, यह बताने वाला कोई नहीं है।

इन सभी ट्रांसफर को लेकर खेल निदेशक से चर्चा की जायेगी। खेल संचालन प्रभावित न हो, इसके प्रयास किए जायेंगे। इसके अलाव छात्रावास से लेकर अन्य खेलों में भी प्रशिक्षक उपलब्ध कराये जायेंगे।

अजय कुमार सेठी, क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी, खेल विभाग, उत्तर प्रदेश

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