सरकारी स्कूलों में प्रॉक्सी टीचर मिला तो खैर नहीं, पहली बार लापरवाह शिक्षकों को नोटिस जारी कर सकेंगे प्रधानाध्यापक, डीजी ने कहा होगा एक्शन

सरकारी स्कूलों में प्रॉक्सी टीचर मिला तो खैर नहीं, पहली बार लापरवाह शिक्षकों को नोटिस जारी कर सकेंगे प्रधानाध्यापक, डीजी ने कहा होगा एक्शन

अमृत विचार लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालय में प्रॉक्सी टीचरों की तैनाती मिली तो जिम्मेदार मूल अध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इसके अलावा बिना अवकाश के स्वीकृति के कोई शिक्षक अनुपस्थित मिलता तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कार्रवाई का विवरण सर्विस बुक पर चढ़ाया जायेगा। कक्षा 1 से 8 तक प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में पढ़ाई 1 जुलाई से शुरू होगी उससे पहले ही शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा की ओर से विद्यालयों में पढ़ाई शुरू होने से पहले ही गुरूवार को 32 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की गई है।

जिसमें स्पष्ट किया गया कि विद्यालय अवधि में किसी भी विभाग से संबंधित हायस होल्ड सर्वे शिक्षक नहीं करेंगे। यदि किसी शिक्षक की ड्यूटी लगती है तो वह कार्य विद्यालय अवधि के बाद किया जायेगा। इसके अलावा रैली व विशेष कार्यक्रम के कारण कार्यक्रम स्थल संबंधित विद्यालय के अतिरिक्त अन्य विद्यालय को नहीं प्रभावित किया जायेगा। 

15 मिनट पूर्व होगी प्रार्थना सभा, देनी होगी फोटो

 विद्यालय खुलने के समय से 15 मिनट पूर्व विद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन कराया जायेगा इसकी फोटो खंड शिक्षा अधिकारी को भेजनी होगी। प्रतिदिन निर्धारित प्रार्थनायें करायी जायेंगी। राष्ट्रगान के अलावा 5 से 7 मिनट का ध्यान (मेडिटेशन) अनिवार्य रूप से कराना होगा। इस मौके पर सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है। एक कलांश में 40 मिनट की पढ़ाई अनिवार्य है। 

ये सभी कार्य करने होंगे आनलाइन 

किसी भी प्रकार की बैठक में शामिल होना, सभी प्रकार की पंजिकाओं यथा-शिक्षक डायरी, उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएमपंजिका, समेकित निःशुल्क सामग्री वितरण पंजिका, स्टॉक पंजिका, आय-व्यय पंजिका, चेक इश्यू पंजिका (बजटवार), बैठक पंजिका, निरीक्षण पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका बाल गणना पंजिका तथा पुस्तकालय व खेलकूद पंजिकाओं का रख-रखाव का कार्य प्रधानाध्यापक व शिक्षक मिलकर करेंगे। लेकिन ये कार्य शिक्षण कार्य के बाद ही करने होंगे। इसके साथ ही शिक्षकों संगठनों द्वारा आयोजित किसी गतिविधि में विद्यालय अवधि में प्रतिभाग नहीं करेंगे। 

पाठ्यक्रम समय पर पूरा होना जरूरी 

विद्यालय में सिक्षण कार्य को सुचारू रूप से संचालित कराने एवं निर्धारित पाठ्‌यक्रम को समय से पूर्ण कराने का दायित्व प्रधानाध्यापक, शिक्षकों है। इस दौरान प्रधानाध्यापक स्वयं को सम्मिलित करते हुए विद्यालय में उपलब्ध शिक्षकों की संख्या के आधार पर कक्षावार अथया शिक्षक-शिक्षिकावार पाठ्यकम का विभाजन किया जायेगा। इसके साथ ही प्रधानाध्यापक की ओर से पाठ्यक्रम विभाजन के अनुसार समय से पठन-पाठन कराना होगा।

पहली बार प्रधानाध्यापक शिक्षकों को दे सकेंगे नोटिस

विद्यालय में यदि कोई शिक्षक-शिक्षिका विलम्ब से आते है या बिना सूचना अनुपस्थित रहते या उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर बनाकर विद्यालय से अनुपस्थित हो जाते है, तो प्रधानाध्यापक नोटिस दे सकेंगे। बिना सूचना के अनुपस्थित शिक्षक-शिक्षिकाओं को उपस्थिति पंजिका पर अनुपस्थित अंकित किया जायेगा। नोटिस का एक अवसर दिये जाने के बावजूद भी यदि शिक्षक-शिक्षिकाये समय से विद्यालय में उपस्थित नहीं होते है और अपने आचरण में सकारत्मक बदलाव नहीं लाते है तो सम्बन्धित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की विभागीय कार्रवाई होगी। 

बच्चों की होगी काउंसिलिंग

बच्चों को समाचार पत्र पत्रिकायें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जायेगा, सम-सामयिकी, सामान्य ज्ञान भी बताया जायेगा। बच्चों को आधुनिक टेक्नोलॉजी एवं कम्यूनिकेशन के विविध आयाम जैसे-इंटरनेट, ईमेल, कम्प्यूटर के साथ उनके अन्दर वैज्ञानिक व नवाचारी मनोवृत्ति का विकास करना होगा। 

शिक्षण अवधि में इन कार्यों पर प्रतिबंध 

शिक्षक विद्यालय से संबंधित विभिन्न कार्यों यथा-पासबुक में एंट्री, अपडेशन, ग्राम प्रधान से वार्ता, चेक पर हस्ताक्षर, एमडीएम सम्बंधी, आवश्कताओं एवं समन्वय के लिए शिक्षण अवधि में विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जायेंगे। यदि कार्यों के कारण निरीक्षण अथवा सपोर्टिव सुपरविजन में कोई शिक्षक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाया जाता है तो उस दिन की वेतन कटौती की जायेगी।

कोट.......
"विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। ऐसे में जो दिशा निर्देश हैं उसका शिक्षकों को पालन करना होगा "
कंचन वर्मा शिक्षा महानिदेशक 

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