हल्द्वानी: स्टाफ की कमी से दो शिफ्ट में चल रहा एसएनसीयू

हल्द्वानी: स्टाफ की कमी से दो शिफ्ट में चल रहा एसएनसीयू

हल्द्वानी, अमृत विचार। राजकीय महिला अस्पताल में कोरोना की पहली लहर के समय गंभीर बच्चों के उपचार के लिए नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) बनाया गया था। करीब डेढ़ वर्ष पहले चिकित्सक नहीं होने की वजह से एसएनसीयू को बंद कर दिया गया। वर्तमान में एसएनसीयू को चलाया तो जा रहा है मगर स्टाफ की कमी से दो-दो शिफ्ट लगानी पड़ रही है। जबकि एसएनसीयू के लिए तीन शिफ्ट में स्टाफ काम करता है। 

नवंबर 2020 में महिला अस्पताल में 12 बेड का एसएनसीयू स्थापित किया गया था। अस्पताल कुमाऊं के प्रमुख सरकारी प्रसव केंद्रों में से एक है। यहां रोजाना 15 से 20 बच्चों का जन्म होता है। जन्म के समय जिन नवजातों में कमजोरी होती है, उन्हें एसएनसीयू में रखा जाता है। जिससे वह जल्द ठीक हो सकें।

मगर महिला अस्पताल सामान्य स्टॉफ की कमी के साथ-साथ एसएनसीयू के स्टाफ की कमी से भी जूझ रहा है। एसएनसीयू एक गहन चिकित्सा इकाई है, जिसमें स्टाफ पूरी तरह से सजग होना चाहिए, लेकिन महिला अस्पताल में स्टाफ की कमी के चलते नर्सों को आठ की जगह 12 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी करनी पड़ रही है।

इन नर्सों की दिनभर में तीन की जगह केवल दो ही शिफ्ट लगाई जा रही है। नर्सों को अवकाश लेने में भी दिक्कत आ रही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि एसएनसीयू के लिए पर्याप्त स्टाफ भेजने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक स्टाफ उपलब्ध नहीं हो पाया है। 

जुलाई माह में स्टाफ मिलने की उम्मीद
महिला अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में चिकित्सकों से लेकर नर्सों की कमी चल रही है। एनएचएम के तहत भी कई पद खाली चल रहे हैं। शासन से आश्वासन मिला है कि जुलाई माह में स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी राहत मिलेगी।


स्टाफ की कमी की वजह से एसएनसीयू को दो शिफ्ट में चलाया जा रहा है। स्टाफ की उपलब्धता के लिए शासन स्तर पर पत्र भेजा गया है।
-डॉ. उषा जंगपांगी, सीएमएस, राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी