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Kanpur News: अब MRI से पता चलेगा दिल का हाल...कार्डियोलॉजी संस्थान में लगेगी 35 करोड़ से लगेगी मशीन
कानपुर के कार्डियोलॉजी संस्थान में लगेगी 35 करोड़ से लगेगी एमआरआई मशीन
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कानपुर, अमृत विचार। प्रदेश में पहली बार दिल की बीमारी का पता लगाने के लिए कार्डियक मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) का इस्तेमाल किया जाएगा। यह सुविधा एलपीएस कार्डियोलॉजी संस्थान में शुरू की जाएगी। एमआरआई से दिल की जटिल से जटिल बीमारी का आसानी से पता चल सकेगा, इसके बाद हृदय रोग विशेषज्ञ समस्या की गहराई समझकर तुरंत सटीक इलाज शुरू कर देंगे।
रावतपुर स्थित कार्डियोलॉजी संस्थान की ओपीडी में औसतन प्रतिदिन पांच से छह सौ मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। अक्सर यह संख्या अधिक हो जाती है। इसी तरह इमरजेंसी में औसतन रोज 35 मरीज पहुंचते हैं, जबकि 50 से अधिक मरीजों को प्रतिदिन भर्ती किया जाता है। संस्थान में मरीजों की ब्लड जांच, ईको, ईसीजी, एक्सरे, एंजियोग्राफी व सीटी स्कैन जैसी जांचें कराई जाती हैं।
सिटी स्कैन व एंजियोग्राफी से आगे की तकनीक
निदेशक प्रो. राकेश वर्मा ने बताया कि संस्थान में 3 टेस्ला कार्डियक एमआरआई स्कैनर लगाने की तैयारी की जा रही है। यह मशीन सीएसआर फंड से लगाई जानी है। इसकी कीमत करीब 35 करोड़ रुपये है। ऐसी मशीन अभी तक यूपी में किसी निजी या सरकारी अस्पताल में नहीं है। इसका लाभ यह होगा कि सिटी स्कैन व एंजियोग्राफी से भी जो बीमारी पकड़ में नहीं आती है, वह इससे आसानी से पकड़ में आ जाएगी। दिल से संबंधित सभी बीमारियों की पहचान करना बेहद आसान होगा।
इन बीमारियों की पहचान और इलाज होगा आसान
हृदय वाल्व, प्रमुख वाहिकाओं के आकार और उनमें रक्त प्रवाह व आसपास की संरचना (हृदय को घेरने वाली थैली) की शारीरिक रचना और उनके कार्य का मूल्यांकन करना आसान होगा। विभिन्न प्रकार के हृदय संबंधी (हृदय या रक्त वाहिका) विकारों जैसे ट्यूमर, संक्रमण और सूजन संबंधी स्थितियों के निदान में मदद मिलेगी। इसमें कोरोनरी धमनी रोग के प्रभावों का मूल्यांकन भी होगा, जैसे कि हृदय की मांसपेशियों में सीमित रक्त प्रवाह और दिल के दौरे के बाद हृदय की मांसपेशियों के भीतर जख्म बनता है तो उसकी पहचान होगी। जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों व वयस्कों में हृदय और रक्त वाहिकाओं की शारीरिक रचना और कार्य का मूल्यांकन करना भी एमआरआई मशीन की मदद से काफी आसान हो जाएगा।