Kanpur: एमबीबीएस डॉक्टर की मौत: दोनों डॉक्टरों को पुलिस ने छोड़ा, परिजनों ने नहीं दी तहरीर; लगाया था हत्या का आरोप

Kanpur: एमबीबीएस डॉक्टर की मौत: दोनों डॉक्टरों को पुलिस ने छोड़ा, परिजनों ने नहीं दी तहरीर; लगाया था हत्या का आरोप

कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के परीक्षा भवन में पार्टी करने के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में 75 फुट से डक्ट में गिरकर एमबीबीएस डॉक्टर दीक्षा तिवारी की मौत के मामले में पुलिस ने हिरासत में लिए उनके साथियों डॉक्टर हिमांशु और डॉ मयंक को हिरासत से छोड़ दिया है। परिजनों के हत्या का आरोप लगाने के बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ा था। 

दोनों डॉक्टरों से लगभग आठ घंटे तक पूछताछ की गई मगर दोनों के बयान और बातचीत में पुलिस को ऐसा कुछ नहीं मिला जो हत्या की तरफ इशारा कर रहा हो। दीक्षा के परिजनों ने तहरीर नहीं दी है। बरेली के थाना बारादरी के सुरेशनगर शर्मा नगर निवासी प्रदीप तिवारी की 24 वर्षीय इकलौती बेटी दीक्षा तिवारी ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। उसकी मेरठ मेडिकल कॉलेज में नौकरी लग गई थी। 

इसके लिए वह तीन दिन पूर्व साइन आदि करने गई थी। 25 जून से उसे रेगुलर होना था। इस कारण वह अपना सामान लेने के लिए कानपुर आई थी। इस दौरान साथी डॉक्टर हिमांशु और डॉ मयंक के साथ वह बुधवार देर रात करीब 1 बजे मेडिकल कॉलेज के सुनसान परीक्षा भवन में पहुंची। छत पर सभी ने पार्टी की। उसी दौरान पांचवी मंजिल से वह डक्ट में जा गिरी। पुलिस ने पार्टी करने वाले दोनों डॉक्टरों को हिरासत में लिया था।

स्वरूप नगर पुलिस के अनुसार डॉक्टरों ने पूछताछ में बताया कि डक्ट की दीवार पर दीक्षा बीच में बैठी थी और दोनों डॉक्टर अगल-बगल बैठे थे। तभी अचानक दीक्षा डक्ट की ऊपरी सतह की स्लैब तोड़ते हुए नीचे गिर गई। डॉ हिमांशु पाइप के सहारे डक्ट में उतर गया। जहां लहूलुहान दीक्षा की सांसें चल रही थीं। 

दोनों ने दरवाजा तोड़ कर आसपास के कैंपस में रहने वाले लोगों को घटना की जानकारी दी। हैलट इमरजेंसी में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। गुरुवार देर शाम जब पोस्टमार्टम हो गया तब परिवार वालों ने दोनों डॉक्टरों से मुलाकात की। 

उनसे बात करने के बाद दीक्षा के पिता प्रदीप तिवारी ने पुलिस से कहा कि वह पहले अंतिम संस्कार करेंगे उसके बाद तहरीर देखेंगे। इस संबध में डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने बताया कि परिजनों की तरफ से शुक्रवार को भी कोई तहरीर नहीं दी गई। बरेली में दीक्षा के परिजनों को दोनों को छोड़ देने की जानकारी दे दी गई है मगर उन्होंने कुछ नहीं कहा।

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