बरेली: लगातार बारिश से बढ़ा रामगंगा का जल स्तर, निगरानी शुरू

demo image
बरेली, अमृत विचार। लगातार बारिश की वजह से रामगंगा का जल स्तर बढ़ गया है। इसको देखते हुए बाढ़ खंड के अफसर अलर्ट हो गए हैं। बाढ़ चौकियों से रामगंगा समेत अन्य नदियों के जल स्तर पर नजर रखी जा रही है।
जिले में लगातार बारिश हो रही है। बुधवार रात से दोपहर बाद तक 56.4 मिमी बारिश हुई। इससे चौबारी स्थित रामगंगा नदी का जल स्तर 157.680 से बढ़कर 157.800 मीटर पर पहुंच गया है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार नदी का बहाव लगातार बढ़ रहा है। नदी में खतरे का जल स्तर 163. 07 मीटर है।
इन नदियों से प्रभावित हो रहा जल स्तर
बाढ़ खंड के अधिकारियों के मुताबिक पश्चिम दिशा में रामगंगा नदी के जल स्तर को प्रभावित करने वाली 11 नदियां हैं। खो नदी, कालागढ़ डैम, हरेवली बैराज, कोसी, किच्छा, गोला, कुल्ली, पीलाखार, भाखड़ा नदी, बनेली, फीका, ढेला और देवहा नदी। इन सभी नदियों का जलस्तर बढ़ने पर पानी को डिस्चार्ज भी किया जा रहा है। इसके अलावा बाढ़ खंड के अंतर्गत उत्तराखंड के नानकमत्ता स्थित नानक सागर जलाशय में जलस्तर 207.26 मीटर है, जबकि अधिकतम क्षमता 215.19 मीटर है।
बाढ़ से बचाव के लिए बनाए गए शरणालय और चौकियां
जिले के सभी तटीय क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने और जलस्तर की निगरानी के लिए 50 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। बहेड़ी में 10, सदर में 5, आंवला में 6, मीरगंज में 14, नवाबगंज में 7 और फरीदपुर में 8 चौकियां हैं। इसके अलावा बाढ़ संभावित इन क्षेत्रों में कुल 28 शरणालय बनाए गए हैं। सभी चौकियों पर निगरानी के लिए जूनियर इंजीनियर व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की तैनाती की गई है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है।
बाढ़ आपदा के दौरान मुख्य रूप से रामगंगा नदी के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ चौकियां स्थापित कराई गई हैं। शरणालयों को भी चिह्नित कर लिया गया है। चौकियां और बाढ़ सुरक्षा समिति से नदियों के जलस्तर की पल - पल की जानकारी ली जा रही है।-अमित किशोर, सहायक अभियंता, बाढ़ खंड
ये भी पढे़ं- बरेली: अनाथ लड़कियों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार...अनाथालय से उन्हें न हटाया जाए