बरेली: सिविल सेवा परीक्षा में 77वीं रैंक लाने वाले शोहम ने विद्यार्थियों को तैयारी के लिए दिए महत्वपूर्ण टिप्स 

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Published By Vishal Singh
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सवालों के भी जवाब दिए, श्रेष्ठ आईएएस कोचिंग संस्थान ने किया सम्मानित

बरेली, अमृत विचार। यूपीएससी (सिविल सेवा परीक्षा) 2023 में 77 वीं रैंक लाकर जिले का नाम रोशन करने वाले शहर के माधोबाड़ी निवासी शोहम टेबड़ीवाल को शुक्रवार को रामपुर गार्डन स्थित श्रेष्ठ आईएएस कोचिंग संस्थान में सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्र-छात्राओं को सफल होने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए। बताया कि कैसे उन्होंने तैयारी की और सफलता पाई। बातचीत के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए।

उन्होंने बताया कि परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए अखबार को नियमित और गंभीरता से पढ़ें, सरकार की नीतियों पर नजर रखें। राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय समसामयिक घटनाओं की जानकारी को लेकर सजग रहें। अपने आसपास की प्रमुख घटनाओं पर भी फोकस होना चाहिए। बताया कि पहले की अपेक्षा अब सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त पाठ्यक्रम ऑनलाइन साइटों पर उपलब्ध है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्र भी तैयारी के लिए सभी संसाधन आसानी से जुटा सकते हैं। कई ऐसे शिक्षण संस्थान हैं, जो पूर्णतया निशुल्क परीक्षा की तैयारी कराते हैं। सोशल मीडिया भी उपयोगी प्लेटफार्म है। कार्यक्रम में विकल तिवारी, अरुण कुमार, जिया उर रहमान, मयंक अग्रवाल, विनीत कुमार, जोया कुमारी, राजीव कुमार आदि मौजूद रहे।

ऐसी की तैयारी और पाई सफलता
शोहम ने बताया कि सबसे पहले मैंने सिविल सेवा परीक्षा के प्रारूप को समझा, फिर प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी टाइमटेबल बनाकर की। समाचार पत्र का नियमित अध्ययन किया और उचित पाठ्य पुस्तकों का सहारा लिया। कहा कि उचित मार्गदर्शन के बिना सफलता हासिल नहीं की जा सकती है। बताया कि कोचिंग संस्थान के निदेशक डाॅ. केबी त्रिपाठी ने उनका मार्गदर्शन किया।

असफल होने पर हतोत्साहित नहीं हुआ, कमियों पर ध्यान दिया
शोहम ने बताया कि सिविल सेवा में जाने का सपना उन्होंने 12 वीं से ही देखना शुरू कर दिया था। आईआईटी मुंबई से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर 2021 में पहली बार सिविल सेवा की परीक्षा दी, लेकिन वह प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं कर पाए। बताया कि इस परीक्षा में असफल होने पर मैं बिल्कुल हतोत्साहित नहीं हुआ। बल्कि मेरी तैयारी में जो कमियां थीं उनका आकलन कर और अच्छे से तैयारी में जुट गया। अगली साल दोबारा इस परीक्षा में भाग लिया और रेल मंत्रालय के अंतर्गत ग्रुप ए में उनका चयन हुआ, लेकिन इस चयन से भी संतुष्टी नहीं मिली। तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली।

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